शिमला शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या अब लोगों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है. आए दिन डॉग बाइट की घटनाएं हो रही हैं, जिससे खासकर महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए शिमला नगर निगम ने 15 अगस्त से अब तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया है.
कुत्तों को मिलेगा डिजिटल पट्टा
आपको बता दें कि इस अभियान के तहत शहर के सभी आवारा कुत्तों को वैक्सिनेशन और स्टेरलाइज किया जा रहा है. खास बात यह है कि हर कुत्ते को जीपीएस और क्यूआर कोड से लैस डिजिटल पट्टा पहनाया जा रहा है. इस तकनीक से हर कुत्ते की लोकेशन और व्यवहार की जानकारी निगम के पास रहेगी. जो कुत्ते आक्रामक स्वभाव के होंगे या बार-बार लोगों को काटेंगे, उन्हें विशेष डॉग हट में रखा जाएगा.
25 दिन में 3000 कुत्तों का टीकाकरण
मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि अभियान के दौरान करीब 3000 कुत्तों को रेबीज का टीका लगाया जाएगा और उनका पूरा डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. रिकॉर्ड में यह दर्ज होगा कि किस कुत्ते का ऑपरेशन हुआ है, वैक्सिनेशन हुआ है या नहीं, और वह कहां रहता है. इससे भविष्य में डॉग बाइट की घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.
विशेषज्ञों की मदद से चल रहा अभियान
इस अभियान में महाराष्ट्र, गोवा और दिल्ली से आए पशु विशेषज्ञ भी मदद कर रहे हैं. नगर निगम ने चार विशेष वाहनों को अलग-अलग वार्डों में तैनात किया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले एक साल में शिमला के अस्पतालों में 3000 से ज्यादा डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए हैं. जनवरी से जून तक हर महीने 100 से ज्यादा लोग कुत्तों के हमले का शिकार बने. नगर निगम का दावा है कि यह अभियान पूरी पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया के तहत चलाया जा रहा है, ताकि शहर को जल्द ही आवारा कुत्तों के आतंक से राहत मिल सके.
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