Haryana IPS Puran Suicide Case: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पूरन सिंह की मौत ने पूरे सिस्टम पर उठाए सवाल, जांच में जुटी सरकार

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन सिंह की संदिग्ध मौत ने पूरे सिस्टम को झकझोर दिया है. उनके सुसाइड नोट में कई बड़े अफसरों पर मानसिक उत्पीड़न और भेदभाव के आरोप लगे हैं. सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है.

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Deepak Kumar
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हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन सिंह की संदिग्ध मौत ने पूरे सिस्टम को झकझोर दिया है. उनके सुसाइड नोट में कई बड़े अफसरों पर मानसिक उत्पीड़न और भेदभाव के आरोप लगे हैं. सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है.

हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन सिंह सुसाइड केस ने पूरे राज्य में सियासी भूचाल ला दिया है. 6 अक्टूबर को हुई उनकी संदिग्ध मौत के बाद अब तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका है, क्योंकि परिवार का कहना है कि जब तक आरोपी अफसरों को हटाया नहीं जाता, वे किसी जांच या पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं होंगे.

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पूरन सिंह के नौ पन्नों के सुसाइड नोट ने पूरे देश को हिला दिया है. इस नोट में उन्होंने जातिगत भेदभाव, अपमान और मानसिक उत्पीड़न का दर्द बयां किया है. उन्होंने लिखा कि उन्हें झूठे मामलों में फंसाया गया और बार-बार अपमानित किया गया. यही कारण था कि वे इस दबाव को और नहीं झेल पाए.

15 अधिकारियों के नाम शामिल

आपको बता दें कि सुसाइड नोट में हरियाणा के 15 बड़े अधिकारियों के नाम शामिल हैं- जिनमें डीजीपी शत्रुजीत कपूर, रोहतक के एसपी नरेंद्र विजरनिया, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व मुख्य सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद, पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा, और पूर्व डीजीपी मनोज यादव जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं. इनमें 12 आईपीएस और 3 आईएएस अधिकारी बताए गए हैं.

आईपीएस पूरन सिंह की पत्नी आईएएस अधिकारी अमननीत सिंह ने इन अधिकारियों के खिलाफ चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. शिकायत के आधार पर पुलिस ने मानसिक उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने के गंभीर आरोपों में एफआईआर दर्ज की है.

जांच के लिए SIT गठित

जानकारी के मुताबिक, इस मामले की जांच के लिए आईजीपी चंडीगढ़ की अगुवाई में छह सदस्यीय एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया है. यह टीम पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करेगी.

पूरन सिंह ने खुदकुशी से पहले 6 अक्टूबर को अपनी वसीयत भी तैयार की थी, जिसमें उन्होंने अपनी सभी संपत्तियां पत्नी अमननीत के नाम कर दीं. इसमें चंडीगढ़ सेक्टर-11 की कोठी, मोहाली का प्लॉट और गुरुग्राम की ऑफिस प्रॉपर्टी शामिल हैं.

परिवार का आरोप है कि पूरन सिंह को लगातार प्रताड़ित और अपमानित किया गया, जिसके कारण उन्होंने यह कठोर कदम उठाया. इस घटना ने हरियाणा पुलिस और प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब पूरे देश की निगाहें इस हाई प्रोफाइल केस की एसआईटी जांच पर टिकी हैं.

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