हरियाणा इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ से जूझ रहा है. लगातार बरसात ने सैकड़ों गांवों को पानी में डुबो दिया है. खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, कई मकान ढह गए और सड़कें व हाईवे पानी में डूब गए. रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है. सरकार ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है और किसानों व आम लोगों से मुआवजे के लिए पोर्टल पर आवेदन मांगे हैं.
हिसार में सबसे खराब हालात
आपको बता दें कि हिसार जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है. यहां लगभग 180 गांव बाढ़ में घिर गए हैं. हिसार शहर में गांधी चौक के पास 150 साल पुरानी इमारत ढह गई, लेकिन सौभाग्य से एक बच्चा बाल-बाल बच गया. वहीं नारनौल के कौथ कला गांव में एक मकान गिरने से एक महिला की मौत हो गई और चार लोग घायल हो गए. हाईवे भी पूरी तरह पानी में डूब गए हैं.
यमुना का बढ़ा जलस्तर
हथनीकुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. यमुनानगर के कमालपुर गांव के पास नदी सिर्फ 200 मीटर दूर रह गई है. लोग डर में हैं कि अगर पानी और बढ़ा तो गांव बह सकता है. पानीपत जिले के कई गांवों में तटबंध टूटने से पानी घुस गया है और प्रशासन रेत से भरे बैग डालकर रोकने की कोशिश कर रहा है. कुरुक्षेत्र में भी मारकंडा नदी उफान पर है.
सरकार की राहत और मदद
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सरकार पूरी ताकत से राहत और बचाव कार्य में जुटी है. उन्होंने पंजाब और जम्मू-कश्मीर की मदद के लिए भी 5-5 करोड़ रुपये की सहायता भेजने का ऐलान किया है. फिलहाल हरियाणा में हालात गंभीर हैं, गांव डूब रहे हैं, लोग बेघर हो रहे हैं और सड़कें टूट रही हैं. बारिश और नदियों के उफान ने पूरे राज्य को मुश्किल में डाल दिया है.
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