22 सितंबर से लागू नई जीएसटी दरों के बाद मेडिकल उपकरण और दवाइयों की कीमतों में साफ और त्वरित राहत मिलेगी. यह कदम ग्राहक और आम नागरिक दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा.
22 सितंबर 2025 से जीएसटी की नई दरें लागू हो जाएंगी. इसका मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को राहत देना है, खासकर मेडिकल और ऑर्थोपेडिक उपकरणों के क्षेत्र में. इसके तहत व्हीलचेयर, ऑर्थोपेडिक सपोर्ट, एक्सीडेंट से प्रभावित लोगों के लिए उपकरण और अन्य मेडिकल प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी आएगी.
ऑर्थोपेडिक उत्पादों पर असर
आपको बता दें कि ऑर्थोपेडिक उपकरणों में लगभग 90% प्रोडक्ट्स पर जीएसटी 5% ही है. कुछ विशेष उत्पाद जैसे डायपर, सपोर्टिंग सामान आदि पर पहले 12% या 18% जीएसटी लगता था. अब इन्हें 5% कर दिया गया है. इसका सीधा लाभ ग्राहक को मिलेगा. चाहे विकलांग व्यक्ति हों या एक्सीडेंटल केस, सभी को कीमतों में स्पष्ट राहत मिलेगी.
स्टॉक और एमआरपी का सवाल
कुछ मेडिकल स्टोर के पास अभी भी पुराने स्टॉक है, जिसकी एमआरपी में पुराने जीएसटी दर शामिल हैं. हालांकि, दुकानदारों का कहना है कि 22 सितंबर के बाद नया जीएसटी रेट सीधे ग्राहक को फायदा देगा. इससे ग्राहक की जेब पर सीधा असर पड़ेगा, एमआरपी में बदलाव से नहीं.
नई दरों से मिलने वाला फायदा धीरे-धीरे ग्राहकों तक पहुंचेगा. नई दवाइयों और उपकरणों में कीमतें घटकर जीएसटी के अनुसार आ जाएंगी. जिन उत्पादों पर पहले 12% टैक्स था, वह अब 5% हो जाएगा. इसका मतलब है कि लगभग 7% की बचत सीधे ग्राहक को मिलेगी.
ग्राहकों और दुकानदारों की प्रतिक्रिया
ग्राहक और मेडिकल स्टोर दोनों इस बदलाव से खुश हैं. पेशेंट और आम लोग इस कदम को सकारात्मक मान रहे हैं. इससे उनकी जेब पर लोड कम होगा और जीवन-रक्षक दवाइयों व मेडिकल उपकरणों की कीमतें किफायती होंगी.
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