मुंबई में गणपति बप्पा की धूमधाम से विदाई की गई. लालबाग के राजा समेत सभी बड़े गणपति को श्रद्धा और प्रेम से अंतिम दर्शन कर विसर्जित किया गया.
मुंबई में शनिवार (6 सितंबर) को गणपति बप्पा को विदाई दी गई. सुबह से ही सड़कों पर भक्तों का सैलाब नजर आया. हर जगह “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस जल्दी आ” के जयघोष सुनाई दिए. गिरगांव चौपाटी, जू चौपाटी, पवई झील और दादर में बड़े उत्साह से गणपति विसर्जन किया गया. पुलिस और प्रशासन ने पूरी व्यवस्था संभाली, जिससे विसर्जन प्रक्रिया सुचारू और सुरक्षित तरीके से हो पाया.
बड़े गणपति की विशेष विदाई
आपको बता दें कि लालबाग के राजा का विसर्जन सबसे खास माना जाता है. उनका विसर्जन सुबह 7 बजे के करीब हुआ. 20 से 40 फीट ऊंची प्रतिमाओं को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच ले जाया गया. पूरे मुंबई में हर इलाके का अपना गणपति होता है और सभी को बड़े प्रेम और श्रद्धा से विदाई दी गई.
सजावट और संदेश
इस बार गणपति पंडालों में अलग-अलग सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश दिए गए. कहीं इको-फ्रेंडली गणपति की बात हो रही है, तो कहीं मिलावट और भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाई जा रही है. लालबाग के राजा की सजावट गजराज के महल जैसी थी, जबकि मुंबई के अन्य गणपति रामेश्वर मंदिर की थीम पर सजाए गए.
भक्तों का भाव
भक्तों की आंखें नम थी, लेकिन चेहरे पर खुशी और श्रद्धा का भाव भी साफ दिखाई दिया. कई लोग कहते हैं कि 10 दिन तक सेवा और पूजा करने के बाद विदाई का समय बहुत भावुक कर देता है. सब अगले साल गणपति बप्पा के जल्दी आने की कामना कर रहे हैं.
इस बार का गणेश उत्सव न सिर्फ भक्ति का पर्व रहा, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने का भी बेहतरीन अवसर बना. पूरे मुंबई में आस्था और उमंग का अनोखा दृश्य देखने को मिला.
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