पंजाब के अमृतसर जिले के अजनाला क्षेत्र में बाढ़ ने लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गांवों में चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. खेत, सड़कें और घर सब जलमग्न हो चुके हैं. कई गांवों में पानी की गहराई 6 से 10 फीट तक पहुंच गई है, जिससे लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं. जहां कभी खेती होती थी, वहां अब पानी का समंदर दिखाई दे रहा है.
रेस्क्यू और राहत का काम जारी
एनडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. नाव के सहारे गांवों तक पहुंचकर फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है. राहत सामग्री भी पहुंचाई जा रही है जिसमें पानी की बोतलें, दूध, बिस्किट और सूखा राशन शामिल है. कई एनजीओ और स्थानीय वालंटियर्स भी मदद में जुटे हैं. जियो क्लब जैसे संगठन लगातार तीन-चार दिनों से गांवों में जरूरतमंदों को सामान उपलब्ध करा रहे हैं.
भारी नुकसान और बड़ी चुनौती
आपको बता दें कि लगातार बारिश और नदियों के उफान से पंजाब के 90% से अधिक प्रभावित क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. करोड़ों का नुकसान हो चुका है. लोग खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए परेशान हैं. कई गांवों में बिजली आपूर्ति भी ठप हो चुकी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि छोटे बच्चों को बुखार और बीमारियां बढ़ रही हैं लेकिन इलाज की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.
सरकार और प्रशासन की कोशिशें
स्थानीय प्रशासन और पंजाब सरकार ने राहत शिविर लगाए हैं जहां खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. गुरुद्वारों और सामाजिक संस्थाओं की ओर से लंगर भी चलाए जा रहे हैं. हालांकि लोगों का कहना है कि हर घर तक समान रूप से राहत नहीं पहुंच रही है और कुछ लोग ज्यादा सामान इकट्ठा कर ले रहे हैं. इसके बावजूद प्रशासन का दावा है कि लगातार कोशिशें जारी हैं ताकि कोई भी परिवार बिना मदद के न रहे.
लोगों की हालत गंभीर
हरड़ खुर्द और आसपास के गांवों में सैकड़ों परिवार पानी में घिरे हुए हैं. लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं. घरों के अंदर 2 से 3 फीट तक पानी भर चुका है. स्कूल बंद हैं, संचार व्यवस्था ठप हो चुकी है और टावर भी डूब गए हैं. गांव वालों का कहना है कि पिछले चार-पांच दिनों से यही हालात बने हुए हैं और हालात कब सुधरेंगे यह कहना मुश्किल है.
रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के बढ़ते जलस्तर से खतरा अभी टला नहीं है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और बारिश का अनुमान जताया है. ऐसे में लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
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