पाकिस्तान इस वक्त अपने इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. लगातार हो रही भारी बारिश ने पंजाब से लेकर खैबर तक तबाही मचा दी है. हालात इतने खराब हो गए हैं कि पूरे देश में इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं. करीब 20 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में आकर बेघर हो चुके हैं और मरने वालों की संख्या 1000 के करीब पहुंच गई है.
डूब गए घर और गांव
मिली जानकारी के मुताबिक, सिर्फ 24 घंटे में ही 30 लोगों की जान चली गई और लाखों लोग बेघर हो गए. पंजाब प्रांत, जो पाकिस्तान की रीढ़ माना जाता है, पूरी तरह पानी में डूब चुका है. यहां 1700 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं. चिनाब नदी में आई बाढ़ से चिनोट और मुल्तान जैसे शहर डूब गए. लोगों के घर, खेत और दुकानें सबकुछ पानी में समा गए हैं.
शहर भी नहीं बचे
आपको बता दें कि लाहौर भी इस बाढ़ से अछूता नहीं रहा. 40 साल बाद यहां दो दर्जन कॉलोनियां पानी में डूब गईं. झांग शहर डूबने की कगार पर पहुंच गया है और सड़कों पर कंधे तक पानी भर गया है. लोग खाने-पीने के लिए तरस रहे हैं और कई परिवारों को पलायन करना पड़ रहा है.
सरकार की नाकामी
शहबाज सरकार ने राहत कैंप तो लगाए हैं, लेकिन वहां तक मदद सही समय पर नहीं पहुंच पा रही है. विस्थापित लोग नाराज हैं और सरकार से नाराजगी बढ़ती जा रही है. कई जगह बांध तोड़ने और विस्फोटकों से पानी का रास्ता बदलने तक की नौबत आ गई.
सियालकोट, मुल्तान और पेशावर की तस्वीरें बेहद भयावह हैं. पेशावर में बाढ़ का पानी इस कदर बढ़ गया है कि पूरे-पूरे घर बहने लगे हैं. तेज लहरें घरों को निगल रही हैं. कहीं घुटनों तक पानी है तो कहीं इतना कि पूरा इंसान डूब जाए. लोग अब बस अपनी जान बचाने की कोशिश में लगे हैं.
यह बाढ़ पाकिस्तान के लिए अब तक की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा बनती जा रही है, जिससे उबरना बेहद मुश्किल दिख रहा है.
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