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India-russia reation (social media)
चीन में पीएम नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति के बीच एक अगल केमेस्ट्री देखने को मिली. दोनों सुर्खियों में रहे. SCO सम्मलेन के बाद दोनों नेताओं में द्विपक्षीय वार्ता भी हुई. इस दौरान वार्ता से पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने 45 मिनट तक कार में बातचीत की. इसकी तस्वीर खुद पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर शेयर की है. आपको बता दें कि चीन के तियानजान में SCO सम्मेलन हुआ. इसके बाद पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता होनी थी. यहां से कुछ दूर एक होटल में यह बैठक रखी गई थी. इस होटल में पीएम मोदी के साथ जाने के लिए पुतिन ने करीब 10 मिनट तक कार में इंतजार करते रहे. दोनों की कार में भी 45 मिनट तक बातचीत हुई, जबकि कार वेन्यू तक पहुंच गई थी.
Had an excellent meeting with President Putin on the sidelines of the SCO Summit in Tianjin. Discussed ways to deepen bilateral cooperation in all sectors, including trade, fertilisers, space, security and culture. We exchanged views on regional and global developments, including… pic.twitter.com/DhTyqOysbf
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
ये साझेदारी वैश्विक स्थिरता में भूमिका निभाएगी: पीएम मोदी
राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता को लेकर पीएम मोदी ने बताया कि तियानजिन में SCO के दौरान राष्ट्रपति पुतिन से खास मुलाकात रही. पीएम मोदी ने कहा, दोनों देशों के द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने को लेकर व्यापार, फर्टिलाइजर, अंतरिक्ष, सुरक्षा और संस्कृति पर चर्चा हुई. हमने यूक्रेन में शांति बहाल करने को लेकर कई स्थानीय और वैश्विक विषयों पर चर्चा की. ये रणनीतिक साझेदारी वैश्विक स्थिरता में यह भूमिका निभाएगी."
After the proceedings at the SCO Summit venue, President Putin and I travelled together to the venue of our bilateral meeting. Conversations with him are always insightful. pic.twitter.com/oYZVGDLxtc
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
मोदी, पुतिन और जिनपिंग के बीच खास तालमेल
आपको बता दें कि जब से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाया है. तब से एशिया में एक अलग माहौल दिख रहा है. SCO सम्मेलन में मोदी, पुतिन और जिनपिंग के बीच खास तालमेल देखा गया. अमेरिका का कहना है कि रूस से तेल की डील की वजह से उसने भारत पर भारीभरकम टैरिफ लगाया ताकि रूस से यह डील खत्म हो.
इसके साथ अमेरिका भारत से बड़ी डिफेंस डील करना चाहता है. दोनों ही मामलों में भारत पलटने वाला नहीं है. इसकी वजह है कि भारत और रूस के रिश्ते काफी पुराने हैं. रूस के अधिकतर हथियार भारती सेना में उपयोग किए जा रहे हैं और रूस भारत को उसकी तकनीक भी देता रहा है. ऐसे में SCO यह दर्शाता है कि अब भारत और रूस के रिश्ते और गहरे होंगे. इसे अमेरिका की बड़ी हार के रूप में देखा जा सकता है.