Delhi Red Fort Blast: दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके की जांच जारी है. जांच में डॉ. उमर को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. अब पता चला है कि डॉ. उमर अल-फलाह यूनिवर्सिटी में सिर्फ नाइट शिफ्ट में ही ड्यूटी करता था.
Delhi Blast Case: दिल्ली को दहलाने वाले फिदाईन हमलावर डॉक्टर उमर की साजिश से जुड़े कई खुलासे हुए हैं. धमाके से पहले आतंकी डॉ. उमर ने कैसे आतंक का पूरा नेटवर्क बनाया. कैसे बम बनाए और अल-फलाह यूनिवर्सिटी में वो कैसे टेरर मॉड्यूल का ताना-बाना बुनता रहा? आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में. दिल्ली को दहलाने वाले आतंकी डॉक्टर उमर की खौफनाक साजिश बेनकाब हो गई है. वह धमाकों को लेकर लंबे वक्त से काम कर रहा था. डॉ. उमर ही व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल को मिशन मोड पर आगे बढ़ाने में जुटा था. हुंडई i20 कार में खुद को उड़ाने वाला आतंकी उमर लंबे वक्त से दिल्ली को दहलाने की तैयारी कर रहा था. उसने कश्मीर से लेकर फरीदाबाद तक जाल बिछाया और आतंकी वारदात को अंजाम दिया.
लाल किले की पार्किंग में ही कार में लगाया था बम
दिल्ली धमाके की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि फिदाइन हमलावर डॉ. उमर ने लाल किले की कार पार्किंग में ही बम को असेंबल किया था और करीब 3 घंटे तक वहां रुका रहा. इस दौरान वह अपने हैंडलर से लगातार फोन पर संपर्क में था और ब्लास्ट की जगह फाइनल कर रहा था. सूत्रों के मुताबिक उमर किसी सिंबॉलिक और हाई इंपैक्ट लोकेशन की तलाश में था. जहां धमाके का ज्यादा असर हो.
सिर्फ नाइट शिफ्ट में ही काम करता था डॉ. उमर
जांच में खुलासा हुआ है कि डॉ. उमर की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में कभी मॉर्निंग शिफ्ट नहीं लगाई गई. साल 2023 में एक बार ऐसा हुआ जब वह 6 महीने के लिए गायब हो गया और वापस आकर आराम से ड्यूटी जाइन कर ली. उसने गायब होने से पहले किसी भी प्रकार की कोई जानकारी या छुट्टी नहीं ली थी. बावजूद अल-फलाह यूनिवर्सिटी के अस्पताल का मैनेजमेंट उसपर इतना मेहरबान क्यों था. ऐसे सवाल अब साफ तौर पर उठने लगे हैं. यह भी कि हमेशा उसकी नाइट शिफ्ट इवनिंग शिफ्ट ही लगाई जाती थी. ऐसा क्यों है? इसको लेकर के भी अब सवाल लगातार खड़े हो रहे हैं.
सुसाइड बॉम्बर को तैयार कर रहा था उमर
जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि लाल किले के सामने विस्फोटक से भरी कार उड़ाने वाला आतंकी उमर नबी अपने जैसे कई और सुसाइड बॉम्बर तैयार करने की साजिश रच रहा था. इसके लिए वह लगातार वीडियो बनाकर युवाओं को भेजता था ताकि उनका ब्रेन वाश किया जा सके. उमर अपना नेटवर्क को बढ़ाने के लिए लगातार युवाओं को अपने साथ जोड़ने का प्लान बना रहा था. वो लगातार युवाओं से संपर्क में भी था और बताया यह भी जा रहा है कि अपने नेटवर्क को और अपने मॉड्यूल को बढ़ाने के लिए बकायदा उसने करीब 11 वीडियो अलग-अलग 70 लोगों को भी भेजे. जिसमें भड़काऊ भाषण थे जिसमें वो लोगों को जिहाद के बारे में समझा रहा था.
ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने की थी कोशिश
उमर चाहता था कि ज्यादा से ज्यादा युवा जुड़े ताकि वह फिदायनी हमला भी कर सकें. इसकी प्लानिंग वो काफी पहले से करता जा रहा था. दिल्ली ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, यह साफ होता जा रहा है कि डॉ. उमर उन नबी ही सुसाइड अटैक का मास्टरमाइंड था. सूत्रों के मुताबिक 10 नवंबर के धमाके से पहले 10 दिनों तक डॉ. उमर नूह की हिदायत कॉलोनी के एक सेफ हाउस में छिपा था.
सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर उमर 31 अक्टूबर को शोएब के साथ हिदायत कॉलोनी के इस मकान में आया था. यह मकान शोएब की साली का है. बताया जा रहा है कि उमर 10 दिनों तक इसी कमरे में रहा. ना कपड़े बदले और ना नहाया. 10 दिनों में से चार दिन उमर ने अपनी कार इसी सेफ हाउस के बाहर लगाई थी. दावा किया जा रहा है कि नूह की हिदायत कॉलोनी में मौजूद इसी सेफ हाउस में धमाके की साजिश रची थी.
फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में आतंकी उमर गैंग बनाकर काम कर रहा था. उसके साथ आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल भर्ती करने की जिम्मेदारी थी. जबकि उमर और शाहीन मिलकर युवाओं का ब्रेन वाश करते थे. इस पूरे काम की फंडिंग डॉक्टर उमर जुटा रहा था. फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद तमाम जानकारियां सामने आई. एक और नई जानकारी सामने आई है कि इस ग्रुप में सभी डॉक्टरों की जिम्मेदारी तय थी.
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