दिल्ली में पुलिस ने ऊंटों के जरिए शराब की तस्करी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तस्कर राजस्थान से ऊंट खरीदकर उन्हें हरियाणा और दिल्ली के बीच शराब की खेप पहुंचाने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे.
राजस्थान के रेगिस्तान में सवारी के लिए प्रसिद्ध ऊंट, अब शराब तस्करी में इस्तेमाल किए जा रहे थे. हरियाणा के जंगलों के रास्ते तस्करों ने इन ऊंटों का उपयोग कर दिल्ली तक अवैध शराब पहुंचाई. पुलिस ने जब इसका खुलासा किया तो सब हैरान रह गए. नेब सराय थाने में तीन ऊंट पुलिस की निगरानी में हैं, जो तस्करों के खिलाफ सबूत बन चुके हैं. ऊंटों की मदद से शराब की कई खेप जंगलों से होकर दिल्ली लाई जाती थी.
कैसे होता था खेल?
आपको बता दें कि तस्करों ने राजस्थान से तीन ऊंट खरीदकर उन्हें हरियाणा से दिल्ली के बीच शराब की तस्करी के लिए तैयार किया. प्लास्टिक के सफेद बोरों में महंगी शराब की बोतलें रखी जातीं और उन्हें ऊंटों की पीठ पर बांधकर रात के अंधेरे में जंगलों से दिल्ली की सीमा तक पहुंचाया जाता. सड़क मार्ग पर पुलिस की सख्ती के कारण तस्करों ने जंगल का रास्ता चुना. संगम विहार से मानेश्वर तक करीब 6 किलोमीटर का जंगल इस धंधे का मुख्य रास्ता बना.
पुलिस का छापा और गिरफ्तारी
दिल्ली पुलिस को सूचना मिलने पर विशेष अभियान चलाया गया. गुरुवार (11 सितंबर) की रात पुलिस ने ट्रैप लगाकर तीन ऊंटों को पकड़ा और 42 कार्टन शराब बरामद की. इनमें 1990 शराब की बोतलें और 24 बीयर की बोतलें थीं. साथ ही पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से दो लोग हरियाणा के आनंदपुर गांव से थे. बाकी तीन आरोपी ऊंटों के साथ चलकर तस्करी में मदद कर रहे थे.
कानूनी कार्रवाई और आगे की योजना
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया है. तीनों ऊंटों को सिविल लाइंस के आश्रय गृह भेज दिया गया है. पुलिस ने बताया कि यह मामला अनोखा है और इससे सबक लेकर अब ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है. तस्करों को फिल्मों से यह तरीका सीखने का भी पता चला है. पुलिस का कहना है कि अब वे जंगलों में निगरानी और बढ़ाएंगे ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
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