न्यूज नेशन की ओर से कॉन्क्लेव 'हमार बिहार-प्रगति पथ पर' का आयोजन किया जा रहा है. इस कॉन्क्लेव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने…
न्यूज नेशन की ओर से बिहार चुनाव 2025 से पहले एक खास कॉन्क्लेव 'हमार बिहार-प्रगति पथ पर' का आयोजन किया जा रहा है. ये कार्यक्रम बिहार की राजधानी पटना स्थित ताज सिटी सेंट्रल होटल में आयोजित हो रहा है. इस कॉन्क्लेव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने शिरकत की. उन्होंने बिहार और देश से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर बात की और सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा. साथ ही उन्होंने कांग्रेस की कई उपलब्धियां भी गिनाई. तो आइए नजर डालते हैं उनकी मुख्य बातों पर…
कांग्रेस नेता ने कहा कि एक जमाने में बिहार में इंडस्ट्री का जाल बिछा हुआ था. लेकिन अब बिहार 28वें नंबर पर है. बिहार शिक्षा का बड़ा केंद्र होता था. बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय होता था, जिसमें पूरी दुनियाभर के छात्र पढ़ने आते थे लेकिन आज सबसे ज्यादा पलायन छात्रों का ही हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो लोग अपने बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं वे अब अपने बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए बाहर भेज रहे हैं. शिक्षा के क्षेत्र में फिर चाहे, प्राइमरी शिक्षा हो, माध्यमिक शिक्षा हो या फिर उच्च शिक्षा हो उसमें भी बिहार 28वें नंबर पर है.
इंडस्ट्रलाइजेशन को लेकर कही बात
उन्होंने कहा कि आज डबल इंजन में घटकर दो प्रतिशत से भी नीचे चला गया है. सभी चीनी मिलों की चिमनियों से धुआं निकलना बंद हो गया है. बिहार प्रगति नहीं कर रहा, हम लोग पीछे जा रहे हैं. नीती आयोग की पिछली तिमाही की रिपोर्ट है. उसमें इंडस्ट्रलाइजेशन के मामले में बिहार देश में 28वें स्थान पर है.
लगातार पिछड़ता जा रहा है बिहार
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह ने बिहार तो लगातार पिछड़ता जा रहा है. जब देश आजाद हुआ था. श्रीबाबू के नेतृत्व में बिहार देश में सबसे अच्छा राज्य था. अगर पीछे जाएंगे तो पहली पंचवर्षीय योजना, दूसरी पंचवर्षीय योजना में चीनी मिलें बिहार के हर जिले में होती थीं. अकेले बिहार देश के नेशनल सिटी को 27 प्रतिशत चीनी देने का काम करता था.
अखिलेश प्रसाद सिंह का परिचय
अखिलेश प्रसाद सिंह का जन्म 5 जनवरी 1962 को बिहार के जहानाबाद में हुआ. वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य हैं. वे पहली बार साल 2000 में बिहार विधान सभा चुनाव जीतकर विधायक बने. वह राबड़ी देवी की सरकार में बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. वे पहली बार 2004 लोकसभा जीतकर संसद पहुंचे. तब उन्हें यूपीए की मनमोहन सरकार के पहले कार्यकाल में कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री बनाया गया था. इसके साथ ही वे 15 मार्च 2018 को बिहार से राज्य सभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. उन्हें 5 दिसंबर 2022 को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. मार्च 2025 तक वे इस पद पर रहे.
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