जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पाडर के चिशौती गांव में बादल फटने से आई तबाही का तीसरा दिन है. हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद मौके पर पहुंचे. जैसे ही वे पहुंचे, उन्होंने सबसे पहले आर्मी अधिकारियों से बातचीत की और हालात की जानकारी ली. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने वर्चुअल रियलिटी के जरिए भी यह समझने की कोशिश की कि आखिर कैसे यह हादसा हुआ.
सीएम उमर अब्दुल्ला उस जगह पर भी पहुंचे जहां लंगर स्थल बना हुआ था और जहां पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. यहां उन्होंने प्रशासन और रेस्क्यू टीम से जानकारी ली कि किस तरह से बचाव कार्य चल रहा है और दबे हुए लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है.
अब तक प्रशासन के अनुसार मौत का आंकड़ा 61 तक पहुंच चुका है. हालांकि लगातार तीसरे दिन होने के कारण लोगों के जिंदा मिलने की उम्मीद काफी कम हो गई है, फिर भी प्रशासन युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है.
अभी भी फंसे हैं दर्जनों लोग
सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कई लोग अब भी यात्रा मार्ग पर फंसे हुए हैं. उन्हें सुरक्षित निकालने के बाद ही लंगर स्थल के इलाके में बड़े स्तर पर रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाएगा. रेस्क्यू टीम का कहना है कि यहां पर मलबा और भारी चट्टानें हटाना बेहद मुश्किल हो रहा है, लेकिन सेना और स्थानीय प्रशासन पूरी ताकत से लगे हुए हैं.
यह हादसा पूरे इलाके के लिए गहरा दुख लेकर आया है. लोग अब भी अपनों के सुरक्षित मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जबकि प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य को तेज कर रहा है.
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