राजा भैया से अखिलेश यादव की बढ़ी दूरी, कहा- लगता नहीं वो हमारे साथ हैं, इसलिये डिलीट किया ट्वीट
अखिलेश ने मी़डिया को संबोधित करते हुए कहा कि राजा भैया ने हालांकि कहा तो यही था कि वो एसपी कैंडिडेट को वोट करेंगे लेकिन लगता है असल में ऐसा हुआ नहीं है।
नई दिल्ली:
गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव के बाद से यूपी में हर रोज़ राजनीति नई करवट ले रही है। इसी कड़ी में शनिवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और एसपी (समाजवादी पार्टी) प्रमुख अखिलेश यादव ने राजा भैया को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
अखिलेश ने मी़डिया को संबोधित करते हुए कहा कि राजा भैया ने हालांकि कहा तो यही था कि वो एसपी कैंडिडेट को वोट करेंगे लेकिन लगता है असल में ऐसा हुआ नहीं है।
बता दें कि यूपी में राज्यसभा के 10 सीटों पर हुए चुनाव के समय एसपी के 1 टिकट पर बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर ने चुनाव लड़ा था। ऐसा माना जा रहा है कि राजा भैया की वजह से बीएसपी उम्मीदवार की हार हुई थी।
हालांकि मतदान के दौरान राजा भैया ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन का ऐलान किया था। जिसके बाद अखिलेश ने ट्विटर पर उन्हें शुक्रिया लिखा था। लेकिन वोटिंग के बाद राजा भैया ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
राज्यसभा में बीएसपी की हार के बाद अखिलेश यादव ने राजा भैया को ट्विटर पर दिये धन्यवाद का ट्वीट डिलीट कर दिया।
ट्वीट डिलीट किये जाने के संबंधे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'ट्वीट कर आप एक तरह से खुद को व्यक्त करते हैं। हम अपनपी भावनाओं को व्यक्त करने के लिये ट्वीट करते हैं।अगर हम जान पाते हैं कि कोई हमें धोखा दे रहा है तो हम ट्वीट डिलीट कर देंगे। अगर वो हमारे साथ हैं तो हमारे साथ रहिये या फिर दूरी बना कर रखिये। लेकिन हमें नहीं लग रहा है कि राजा भैया हमारे साथ हैं।'
वहीं बीएसपी प्रमुख मायावती ने राजा भैया और योगी के बीच हुई मुलाक़ात पर निशाना साधते हुए कहा था, 'अखिलेश यादव राजा भैया के जाल में फंस गए, लेकिन मैं उनकी जगह होती तो भले ही मेरा उम्मीदवार हार जाता लेकिन उनके उम्मीदवार को हारने नहीं देती।'
वहीं बीएसपी-एसपी के बीच के संबंधों को लेकर मायावती ने कहा, 'अखिलेश का अभी राजनीतिक अनुभव कम है लेकिन मैं उनसे ज्यादा अनुभवी हूं, इसलिए इस गठबंधन को टूटने नहीं दूंगी।'
बता दें कि शुक्रवार को अठावले ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती को एनडीए में शामिल होने का न्योता देते हुए कहा कि अगर दलितों को लेकर उनकी चिंताएं सही हैं तो उन्हें एनडीए में शामिल हो जाना चाहिये।
अठावले ने कहा, 'बीएसपी-एसपी गंठबंधन 25-30 लोकसभा सीटें जीत सकती है जिससे बीजेपी को नुकसान हो सकता है, लेकिन बीजेपी को 50 से अधिक सीटें मिलेंगी। लेकिन वो एनडीए की सरकार केंद्र में दोबारा बनने से नहीं रोक सकती है।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद् मोदी को चुनौती नहीं दे सकता है। न तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, न ही एसपी प्रमुख अखिलेश यादव और न ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती।'
उन्होंने कहा कि बीएसपी-एसपी गठबंधन से लोकसभा की सीटें समाजवादी पार्टी ने भले ही जीत लीं लेकिन राज्यसभा चुनाव में उसने बीएसपी का साथ नहीं दिया। उन्होंने दावा किया कि एसपी ने राज्यसभा चुनाव में मायावती को धोखा दिया।
और पढ़ें- राहुल गांधी पर बीजेपी नेता ने मानहानि का केस दर्ज कराया, पीएम के लिए अपमानजनक शब्द का आरोप
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