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Salary Hike in 2025 Photograph: (Salary Hike in 2025)
Salary Hike in 2025 : भारत के कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है. इस साल उन्हें सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कर्मचारी इस साल सभी इंडस्ट्री में औसतन वेतन वृद्धि 99.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद कर सकते हैं, जो स्ट्रांग इकोनॉमिक ग्रोथ और स्किल्ड वर्कर की बढ़ती मांग को दर्शाता है. एचआर कंसल्टिंग फर्म मर्सर के रिमुनरेट सर्वे के मुताबिक पिछले पांच सालों में कर्मचारियों की सैलरी में लगातार बढ़ोतरी हुई है. 2020 में यह 8 फीसदी थी और 2025 में बढ़कर औसतन 99.4 फीसदी होने का अनुमान है. इस सर्वे में भारत की 1550 से ज्यादा कंपनियों ने हिस्सा लिया, जिसमें टेक्नोलॉजी लाइफ साइंस कंज्यूमर गुड्स फाइनेंशियल सर्विसेस मैन्युफैक्चरिंग ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग आदि सेक्टर की कंपनियां शामिल थी.
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जानें क्या है पूरा मामला
किस सेक्टर में कितनी बढ़ सकती है, कर्मचारियों की सैलरी ऑटोमोटिव सेक्टर में कर्मचारियों का वेतन 10 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है. पिछले साल यह 88.8 फीसदी रहा था. यह इजाफा इलेक्ट्रिक व्हीकल की बढ़ती मांग और सरकार के मेक इन इंडिया इनिशिएटिव की वजह से मुमकिन हो पाया है. वहीं मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग सेक्टर में वेतन वृद्धि 8 प्रतिशत से 99.7 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो बेहतर होते मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम की ओर इशारा करता है. इसके अलावा इस रिपोर्ट से पता चलता है कि 2025 में 37 प्रतिशत ऑर्गेनाइजेशन कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जो विभिन्न सेक्टरों में टैलेंट की बढ़ती मांग को दर्शाता है.
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अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत
स्वेच्छिक छटनी 11.9 फीसदी पर स्थिर होने की उम्मीद है, जिसमें एग्रीकल्चर केमिकल और शेयर्ड सर्विसेस ऑर्गेनाइजेशन 13 फीसदी की दर सबसे ज्यादा है, जो एक कंपटिंग टैलेंट मार्केट की ओर इशारा करता है. यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल कुछ ऑर्गेनाइजेशन टैलेंट और अट्रैक्ट करने टर्नओवर को कम करने और ग्रोथ को बनाए रखने के लिए वर्क फोर्स डिमांड जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्ट्रेटेजिक रिक्रूट कंपट कंपनसेशन अप स्किलिंग और एंप्लॉई इंगेजमेंट जैसे मुद्दों पर फोकस करेगी. यह ना केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत है. क्योंकि वेतन वृद्धि उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा दे सकती है और आर्थिक विकास को मजबूती दे सकती है.