भारत की सरकार किसानों के हित पर हमेशा ध्यान देती है. देश की आबादी में 50 प्रतिशत से अधिक लोग खेती-किसानी से जुड़े हुए हैं. सरकार अलग-अलग योजनाएं इनके लिए चलाती है. किसान दो प्रकार के होते हैं, एक बड़े और एक छोटे. छोटे किसान वे होते हैं तो छोटे स्तर पर खेती करते हैं. सरकार ऐसे ही किसानों को आर्थिक सहायता देती है. भारत सरकार ने साल 2019 में इसी लिए खास स्कीम लॉन्च की थी, जिसका नाम- पीएम किसान सम्मान योजना है.
योजना के तहत भारत सरकार देश के करोड़ों किसानों को हर साल छह हजार रुपये भेजती है. अब तक 13 करोड़ किसानों ने योजना का लाभ ले लिया है. सरकार योजना से जुड़े विभिन्न किसानों को हर साल छह हजार रुपये देती है. सरकार इस राशि को साल में अलग-अलग किस्तों के रूप में भेजती है.
किसान योजना का लाभ ले रहे किसानों को तीन काम करवाने बहुत जरुरी है. आगर ऐसा नहीं किया गया तो किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिलने वाला लाभ नहीं मिल पाएगा.
ये तीन काम किसानों के लिए बहुत जरुरी
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सबसे पहले किसानों को अपने खाते में डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम ऑन करवाना जरुरी है. सरकार इसी की मदद से किसानों को किस्त के पैसे देती है. अगर ये सुविधा ऑन नहीं रहती है तो किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा. इसके अलावा, किसानों को आवदेन करते समय खास एहतियात बरतना होगा. क्योंकि किसान योजना आवेदन करते वक्त अगर आप आपने गलती करदी तो आपका आवेदन फॉर्म रिजेक्ट हो जाएगा और आपके पैसे अटक जाएंगे.
आखिरी और सबसे जरुरी चीज है- केवाईसी. किसान योजना का लाभ ले रहे लाभार्थी किसानों को सरकार की तरफ से पहले ही ई-केवाईसी करवाने के बारे में बताया गया था. अब भी ऐसे कई किसान हैं, जिन्होंने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है. ऐसे किसानों को भी सरकार की ओर से पैसे नहीं मिलेंगे.