गन्ने की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रभावशाली कदम उठाने वाली है. सरकार को लगता है कि गन्ना उगाने के लिए किसानों को सुविधाएं मुहैया करनी चाहिए, जिससे वे न सिर्फ अपने जीवन को समृद्ध बना सकें बल्कि पर्यावरण के लिए भी सहायक हों.
किसानों को अनुदान पर उपलब्ध कराएं आधुनिक मशीन
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने केंद्रीय प्री-बजट बैठक में ये सुझाव दिए हैं. बैठक केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आयोजित की गई थी. बैठक में भारत के अन्य-अन्य राज्यों कृषि मंत्री शामिल हुए थे. उन्होंने कहा कि गन्ने की बुवाई और कटाई के लिए किसानों को आधुनिक मशीनें अनुदान पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए. इससे किसानों की मेहनत कम होगी बल्कि उनके समय और लागत दोनों की बचत भी होगी. इसके अलावा, धान जैसी फसलों की जगह गन्ना एक बेहतर विकल्प भी होगा. गन्ने की खेती से किसानों को अधिक लाभ भी मिलेंगे. उनकी आय में जबरदस्त वृद्धि होगी.
खेती के लिए किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाए
गन्ने की खेती लाभकारी विकल्प हो सकती है. राणा ने गन्ने की खेती को बढ़ाने के लिए राणा ने सुझाव दिए कि किसानों को आधुनिक कृषि उपकरण उपलब्ध कराएं जाएं और उनकी ट्रेनिंग भी कराई जाए. उन्होंने कहा कि जीपीएस और ड्रोन जैसी अन्य तकनीकों का मदद अब खेती में शुरू किया जाना चाहिए.
पर्यावरण के अनुकूल खेती के फायदे
गन्ने की खेती पर्यावरण के अनुकूल है. बैठक में उन्होंने बताया कि गन्ने की खेती से पर्यावरण संतुलित रहता है. कम पानी में गन्ने की फसल अच्छा उत्पादन देती है. राणा ने बताया कि गन्ना उगाने से किसान पानी भी संरक्षित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि गन्ना एक ऐसी फसल है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है. इससे बायोएथेनॉल जैसी नवीकरणीय ऊर्जा भी मिलती है.