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UIDAI ने आधार (Aadhaar) को लेकर किया बड़ा फैसला, वेरिफिकेशन चार्ज में की भारी कटौती

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक 99 करोड़ e-KYC (ग्राहक को जानें) के लिए आधार (Aadhaar) सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के द्वारा किसी के साथ भी बायोमेट्रिक्स को साझा नहीं किया जाता है.

Updated on: 29 Sep 2021, 10:43 AM

highlights

  • अभी तक 99 करोड़ e-KYC के लिए आधार सिस्टम का इस्तेमाल किया गया 
  • भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के द्वारा किसी के साथ बायोमेट्रिक्स को साझा नहीं किया जाता

नई दिल्ली:

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार सत्यापन (Aadhaar Authentication) के लिए वसूली जाने वाली राशि में भारी कटौती कर दी है. आधार सत्यापन के लिए लिए जाने वाले शुल्क को 20 रुपये से घटाकर 3 रुपये कर दिया है. एनपीसीआई-आईएएमएआई (NPCI-IAMA) के वैश्विक फिनटेक फेस्ट में यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सौरभ गर्ग का कहना है कि वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आधार कार्ड का फायदा उठाने की भारी भरकम संभावनाएं हैं. उनका कहना है कि इस कटौती का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकार द्वारा तैयार डिजिटल बुनियादी ढांचे का बेहतर उपयोग विभिन्न एजेंसियों और संस्थाओं के जरिए हो सके.

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इन अपडेट के लिए लिया जाता है चार्ज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक 99 करोड़ e-KYC (ग्राहक को जानें) के लिए आधार सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के द्वारा किसी के साथ भी बायोमेट्रिक्स को साझा नहीं किया जाता है. बता दें कि नया आधार कार्ड बनवाने के लिए किसी भी तरह का शुल्क चार्ज नहीं किया जाता है और यह सर्विस पूरी तरह से फ्री है. हालांकि आधार कार्ड में नाम, पता, जन्म तिथि, ई-मेल आदि में सुधार के लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. डेमोग्राफिक अपडेट (Demographic Update) के लिए 50 रुपये और बायोमेट्रिक अपडेट (Biometric Update) के लिए 100 रुपये (डेमोग्राफिक अपडेट के साथ या बगैर) चार्ज वसूला जाता है.

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बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कई सरकारी योजनाओं को आधार कार्ड से लिंक कर दिया है. मौजूदा समय में 54 मंत्रालयों की तकरीबन 311 केंद्रीय कल्याण योजनाएं आधार का उपयोग करते हुए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं. प्रधानमंत्री किसान निधि योजना आधार के प्लेटफॉर्म पर भी आधारित है. इसके अलावा पीएम उज्ज्वला योजना और पीएम गरीब कल्याण योजना समेत कई सरकारी योजनाओं में आधार के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है.