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ऑटो डेबिट लेनदेन (Auto Debit Transaction)( Photo Credit : NewsNation)
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ऑटो डेबिट लेनदेन (Auto Debit Transaction)( Photo Credit : NewsNation)
1 अक्टूबर 2021 से बगैर आपकी अनुमति के आपके अकाउंट से ऑटो डेबिट नहीं हो सकेगा. दरअसल, 1 अक्टूबर 2021 से ऑटो डेबिट लेनदेन (Auto Debit Transaction) के नियमों में बदलाव लागू हो जाएंगे. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India-RBI) के आदेश के अनुसार बैंकों ने कस्टमर्स को ऑटो डेबिट पेमेंट (Auto Debit Payment) को लेकर जानकारी देना शुरू कर दिया है. नए नियम लागू होने के बाद किसी भी डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म को किस्त या फिर बिल के पैसे काटने को लेकर हर ट्रांजैक्शन के लिए कस्टमर्स की अनुमति लेनी होगी. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से RBI ने ऑटो डेबिट के नियमों की डेडलाइन को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया गया था. RBI ने पहले इस डेडलाइन को 1 अप्रैल से लागू करने की बात कही थी.
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हर बार किस्त या बिल के लिए पैसे काटने की अनुमति लेनी होगी
ऑटो डेबिट से मतलब है कि कस्टमर ने अपने मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग में LPG, बिजली बिल, LIC प्रीमियम या अन्य किसी पेमेंट को ऑटो डेबिड मोड में डाल रखा है. इसके जरिए निश्चित तारीख को पैसा अकाउंट से अपने आप कट जाता है. ऐसे में नियमों में बदलाव होने से आपका पेमेंट फेल हो सकता है. नए नियम के तहत अब हर बार किस्त या बिल के लिए पैसे काटने की अनुमति लेनी जरूरी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए नियमों के आने के बाद कई डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर्स ने अपने यूजर बेस में गिरावट की उम्मीद है.
जानकारी के मुताबिक नए नियम के आने से मोबाइल फोन बिल, इलेक्ट्रिसिटी बिल, पानी का बिल, ब्रॉडबैंड बिल और इंश्योरेंस प्रीमियम कैंसिल हो सकता है. जानकारी के मुताबिक 5 हजार रुपये के नीचे वाले बिल कैंसिल हो जाएंगे या फिर ऑटो डेबिट की सहमति के बाद ही अकाउंट से पैसा कटेगा. वहीं अगर बिल 5 हजार रुपये से ज्यादा है 30 सितंबर के बाद नियम का पालन करते हुए ऑनलाइन ट्रांसफर करना होगा. वहीं अगर इंश्योरेंस का प्रीमियम भी 5 हजार रुपये से ऊपर का है तो भी वह ऑटो डेबिट नहीं होगा. उस स्थिति में आपको क्रेडिट कार्ड के जरिए CVV और OTP के जरिए ट्रांजैक्शन को पूरा करना होगा.
बता दें कि बैंकों ने अपने कस्टमर्स को नए नियम को लेकर जानकारी देना शुरू कर दिया है. बैंकों ने अपने कस्टमर्स को ऑटो डेबिट के नियम के बारे में सूचित किया है. बैंकों का कहना है कि नए नियम के तहत कार्ड के ऊपर दिए जा रहे मौजूदा दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जाएगा. सर्विस में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिए सीधे मर्चेंट को कार्ड के जरिए भुगतान कर सकते हैं. आपको बता दें कि नए नियम के तहत बैंक अकाउंट से पेमेंट होने से 5 दिन पहले कस्टमर्स को नोटिफिकेशन भेजेंगे. कस्टमर्स की मंजूरी के बाद ही ट्रांजैक्शन की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा 5 हजार रुपये से ज्यादा के भुगतान के लिए बैंकों को कस्टमर्स को वन टाइम पासवर्ड भेजना होगा.
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बता दें कि RBI ने अगस्त 2019 में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के लिए ई-मैनडेट्स प्रोसेस करने के लिए एक फ्रेमवर्क को जारी किया था. शुरुआती दौर में यह सिर्फ कार्ड्स और वॉलेट पर लागू किया गया था. वहीं जनवरी 2020 में इस फ्रेमवर्क का दायरा बढ़ाकर यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI को शामिल कर लिया गया था. RBI का कहना है कि फ्रेमवर्क का मकसद कस्टमर्स का किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचाव करना है.
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