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Corona Vaccine कल से किसे, कैसे और कितने में लगेगी, हर जानकारी लें यहां

केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए प्रति टीका की कीमत अधिकतम 250 रुपये तय कर दी है. यानी इससे ज्यादा कीमत कोई निजी अस्पताल नहीं ले सकेगा.

Updated on: 28 Feb 2021, 10:28 AM

highlights

  • 1 मार्च से कोरोना टीकाकरण का शुरू हो रहा दूसरा चरण
  • कोविन 2.0 एप समेत दो अन्य जगहों पर होगा पंजीकरण
  • गंभीर बीमारियों वाले रोगियों को देनी होगी फॉर्म में जानकारी

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र, केरल और दिल्ली में कोरोना संक्रमण में आ रही तेजी के बीच देश में 1 मार्च से आम आबादी को कोरोना (Corona) का टीका लगने का काम शुरू हो जाएगा. केंद्र सरकार के निर्देशों के मुताबिक देश के दस हज़ार सरकारी केंद्रों पर मुफ्त टीका (Corona Vaccination) लगाया जाएगा, जहां 60 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति या फिर 20 तरह की दूसरी बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति टीका लगवा सकेंगे. देश में करीब 20 हज़ार निजी केंद्रों पर भी टीका लगाया जाएगा. केंद्र सरकार ने इसके लिए 250 रुपए प्रति डोज़ की अधिकतम कीमत तय कर दी है. देश में इस समय 10 हजार से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत पैनल पर हैं, जबकि 687 प्राइवेट अस्पताल सीजीएचएस के पैनल पर हैं. इन सब में टीकाकरण किया जा सकता है. प्राइवेट अस्पतालों की लिस्ट स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी गई है. इन सबके अलावा सरकारी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सब डिविजनल हॉस्पिटल, सीएचसी, पीएचसी में भी अब टीका लगाया जा सकेगा.

60 साल के लोगों को दिखाना होगा पहचान पत्र
केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए प्रति टीका की कीमत अधिकतम 250 रुपये तय कर दी है. यानी इससे ज्यादा कीमत कोई निजी अस्पताल नहीं ले सकेगा. चूंकि टीके की दो डोज लगनी है. यानी की कुल 500 रुपये अधिकतम दो डोज के लिए जा सकेंगे. 60 से ऊपर के लोगों को केवल अपना पहचान पत्र दिखाना होगा जिससे उनकी उम्र कंफर्म हो जाएगी और टीका लग जाएगा.

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गंभीर बीमारी वालों को देना होगा एक फॉर्म
जबकि 45-59 वर्ष के पुरानी गंभीर बीमारी वाले लोगों को एक फॉर्म देना होगा. इस फॉर्म में रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर से ये प्रमाणित कराना होगा कि 20 पुरानी गंभीर बीमारियों में से इस व्यक्ति को कम से कम कोई एक बीमारी है. सरकार ने इसमें 20 बीमारियों को शामिल किया है. जिन बीमारियों की लिस्ट सरकार ने जारी की है उनमें जन्मजात हृदय रोग जो धमनी उच्च रक्तचाप पैदा करते हैं, अंत-चरण गुर्दा रोग या कैंसर जैसे लिम्फोमा, ल्यूकेमिया और मायलोमा, विघटित यकृत सिरोसिस (लीवर का बिगड़ना), प्राथमिक प्रतिरक्षा की कमी की स्थिति, और सिकल सेल या खून की कमी जैसी दिक्कते शामिल हैं.

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तीन तरीकों से कराएं पंजीकरण
इस चरण में वैक्सीन प्राप्त करने की इच्छा रखने वालों के लिए, राज्यों को पंजीकरण के तीन तरीकों के बारे में सूचित किया गया था- एडवांस सेल्फ-पंजीकरण, ऑनसाइट पंजीकरण और सुव्यवस्थित पंजीकरण. राज्यों से कहा गया है कि वे प्राइवेट सेंटर्स को को-विन ऐप के लॉग इन से जुड़े क्रेडेंशियल्स दें. सरकार के अनुसार भारत के टीकाकरण अभियान में इस ऐप को रीढ़ माना गया है. यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां टीका लगवाने वाले को रजिस्टर्ड करने की जरूरत होती है. 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के पहले चरण में केवल स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल थे. भारत में दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है पहली ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित- कोविशील्ड. दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन.

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कोविन 2.0 में पंजीकरण और जरूरी बातें
टीकाकरण के लिए पात्र लोगों को कोविन 2.0 प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण करना होगा. इसके साथ ऐसा भी प्रविधान होगा कि लाभार्थी सत्र स्थलों पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी थी कि कोविन डिजिटल प्लेटफॉर्म अपग्रेड 1.0 से 2.0  होगा. कोरोना टीकाकरण के योग्य लाभार्थी एक मार्च से खुद ही कोविन प्लेटफॉर्म पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे. ऐसा भी प्रविधान होगा कि वे पास के किसी टीकाकरण केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. टीकाकरण केंद्र पर पंजीकरण कराने वालों की मदद के लिए स्वयंसेवी मौजूद रहेंगे. पात्र लाभार्थी आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र के अलावा कोई अन्य फोटो पहचान वाले दस्तावेज दिखाकर टीकाकरण करा सकते हैं. इसमें जन्म की तारीख दर्ज होनी चाहिए. कोविन 2.0 एप जीपीएस अनेबलड है. लाभार्थी टीकाकरण की तारीख और दिन चुन सकेंगे. एक मोबाइल नंबर से चार अपॉइंटमेंट लिए जा सकते हैं. को-विन एप के अलावा आरोग्य सेतु एप के मध्यम से भी लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा सकेगा.

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कोविन 2.0 एप पर ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
कोविन एप को मोबाईल पर डाउनलोड करें या cowin.gov.in की वेबसाइट पर जाएं. मोबाइल नंबर या आधार नंबर डालें. इसके बाद आपको एक ओटीपी मिलेगा. इसको भरने के बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. इसी एकाउंट से परिवार के सदस्यों का भी राजिस्ट्रेशन  करा सकते हैं. तय तिथि और समय पर टीकाकरण केंद्र पर जाएं और टीका लगवाएं. रेफरेंस आईडी के माध्यम से अपना टीकाकरण प्रमाणपत्र प्राप्त करें.