logo-image

अगर आप दिल्ली में कहीं जाना चाहते हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लीजिए, नहीं तो हो जाएंगे परेशान

Farmers Protest LIVE Updates: दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर के जरिए लोगों को कुछ मार्गों के बंद होने के बारे में सूचित किया और असुविधा से बचने के लिए उन्हें वैकल्पिक रास्तों से जाने की सलाह दी है.

Updated on: 11 Dec 2020, 12:43 PM

नई दिल्ली :

Farmers Protest LIVE Updates: केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों किसानों के प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को भी कई मार्ग आवाजाही के लिए बंद हैं. दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर के जरिए लोगों को कुछ मार्गों के बंद होने के बारे में सूचित किया और असुविधा से बचने के लिए उन्हें वैकल्पिक रास्तों से जाने की सलाह दी. विभिन्न राज्यों के हजारों किसान पिछले करीब दो हफ्ते से दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला (दिल्ली-नोएडा) बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 

यह भी पढ़ें: हज के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 जनवरी तक बढ़ाई गई : नकवी

दिल्ली यातायात पुलिस ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि टिकरी और ढांसा बॉर्डर यातायात के लिए बंद है जबकि झटीकरा बॉर्डर केवल दो पहिया वाहनों और पैदल चलने वालों के लिए खुला है. यातायात पुलिस ने कहा कि हरियाणा जाने वाले झारौदा, दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच-आठ, बिजवासन-बजघेड़ा, पालम विहार, डुन्डाहेड़ा बॉर्डर की तरफ से जा सकते हैं. किसान संगठनों ने मांगें नहीं माने जाने पर देश के विभिन्न रेलमार्गों और राजमार्गों को अवरुद्ध करने की चेतावनी दी है.

यह भी पढ़ें: हवाई यात्रियों के लिए खुशखबरी, दिल्ली और नेपाल के बीच फिर शुरू होगी फ्लाइट

सरकार ने नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की संभावना से किया इनकार
सरकार ने नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की संभावना से गुरुवार को एक तरह से इनकार करते हुए किसान समूहों से इन कानूनों को लेकर उनकी चिंताओं के समाधान के लिए सरकार के प्रस्ताओं पर विचार करने की अपील की है. सरकार ने कहा कि जब भी यूनियन चाहें, वह अपने प्रस्ताव पर खुले मन से चर्चा करने के लिए तैयार है. सरकार की अपील के बावजूद किसानों का विरोध जारी रहा और उन्हों ने धमकी दी कि वे राजमार्गों के अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध करेंगे. सरकार और किसान संगठनों रुख में इस अंतर के बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखते हुए, गुरु नानक का स्मरण करते हुए वार्ता के महत्व को रेखांकित किया। मोदी ने प्रथम सिख गुरु के इस वचन का उल्लेख कि बातचीत अनंत काल तक होती रहनी चाहिये. 

यह भी पढ़ें: बेहद सस्ते फोन उपलब्ध कराने के लिए रिलायंस जियो ने उठाया ये बड़ा कदम

प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लिखित आश्वासन देने के सरकार की पेशकश को ठुकराने और नए कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने के प्रस्ताव को खारिज करने के एक दिन बाद, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान यूनियन के नेताओं को प्रस्तावों पर विचार करना चाहिए और वह उनके साथ आगे की चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने किसानों से अगले दौर की वार्ता के लिए तारीख प्रस्तावित करने जिम्मा किसान समूहों पर छोड़ दिया.

यह भी पढ़ें: 14 दिसंबर से आप बैंक की इस सुविधा के जरिए 24 घंटे कर सकेंगे पैसों से जुड़ा लेनदेन

केंद्र सरकार और मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसानों के प्रतिनिधियों के बीच कम से कम पांच दौर की औपचारिक वार्ता हुई है. ये किसान लगभग दो सप्ताह से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केन्द्र सरकार के कानून में कुछ संशोधन करने, एमएसपी और मंडी व्यवस्था जैसे मुद्दों पर लिखित आश्वासन अथवा स्पष्टीकरण देने के प्रस्ताव को ठुकराते हुए किसान यूनियनें इन नए कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़ी हैं. (इनपुट भाषा)