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Coronavirus (Covid-19): अस्पताल में कोविड का इलाज करा रहे हैं और किसी मित्र से कैश लिया है तो सावधान हो जाइए

Coronavirus (Covid-19): सरकार ने इसके साथ मे एक और नियम लगा दिया है कि अगर कोई व्यक्ति 20 हज़ार से ज़्यादा लोन, क्रेडिट लेता है और उसे बिल में शामिल करता है जो 20 हज़ार से ज़्यादा है उसपर 100 फ़ीसदी की पैनल्टी लगा दी जाएगी.

Updated on: 08 May 2021, 03:07 PM

highlights

  • 2 लाख से ज़्यादा के पेमेंट पर छूट देते हुए ऐलान किया कि 2 लाख से ज़्यादा अस्पताल को पेमेंट कैश किया जा सकेगा
  • सरकार को 20 हजार रुपये से ज्यादा लोन या उधार की सीमा को कोविड के इलाज के लिए छूट देनी चाहिए: वेद जैन

नई दिल्ली :

Coronavirus (Covid-19): कोरोना काल बनकर आम जनता पर टूट पड़ा है अस्पतालों से लेकर, डिस्पेंसरी, कोविड सेंटर्स पर सिर्फ और सिर्फ कोरोना के मरीज या तीमारदारों की भीड़ नजर आ रही है. कोरोना मरीजों को बेड, दवाएं, ऑक्सीजन या तमाम चीज़ मयस्सर नहीं हो पा रही हैं. चिंता सिर्फ इनकी नहीं है बल्कि अस्पतालों में 2 लाख से ज़्यादा कैश देने का प्रावधान भी नहीं था जिसको लेकर मांग उठ रही थी कि कम से कम कोरोना काल में सरकार अस्पताल का भुगतान करने के लिए कैश लेनदेन की छूट दे ताकि अपनों के इलाज में किसी तरह की रोक न लगे और अस्पताल ऐसी कठिन परिस्थिति में इलाज न रोके. ऐसे में सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 2 लाख से ज़्यादा के पेमेंट पर छूट देते हुए ऐलान किया कि 2 लाख से ज़्यादा अस्पताल को पेमेंट कैश किया जा सकेगा जिसमे पैसा देने वाले व्यक्ति को अपना आधार और पैन कार्ड जमा कराकर भुगतान करना होगा. 

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सरकार ने इस सीमा को 31 मई तक लागू कर दिया है ताकि किसी भी संक्रमित कोरोना मरीज़ के इलाज में दिक्कत न हो, लेकिन उसके साथ मे सरकार ने इसके साथ मे एक और नियम लगा दिया है कि अगर कोई व्यक्ति 20 हज़ार से ज़्यादा लोन, क्रेडिट लेता है और उसे बिल में शामिल करता है जो 20 हज़ार से ज़्यादा है उसपर 100 फ़ीसदी की पैनल्टी लगा दी जाएगी. यानी अगर कोई व्यक्ति अस्पताल में अपने परिचित से मदद मांगता है और वो व्यक्ति 20 हज़ार से ज़्यादा कैश के तौर पर उसकी मदद करता है तो उस व्यक्ति पर 100 फ़ीसदी का जुर्माना देय होगा. वेद जैन, पूर्व प्रेसिडेंट, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने कहा है कि सरकार को 20 हजार रुपये से ज्यादा लोन या उधार की सीमा को कोविड के इलाज के लिए छूट देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश पेमेंट की सुविधा देने से बहुत ज्यादा फायदा नहीं होगा जब तक कि कोविड के इलाज के लिए 20 हजार रुपये से ज्यादा के लोन या उधार की सीमा को नहीं बढ़ाया जाता है. 

इसको आसानी से समझे
मान लेते हैं कि राकेश ने अपनी मां जो कि कोरोना पॉजिटिव हैं और अस्पताल में भर्ती हैं उनका अस्पताल का बिल 2 लाख 50 हज़ार बनता है लेकिन राकेश के पास बमुश्किल सिर्फ 2 लाख का जुगाड़ हो पाया ऐसे में उसने अपने मित्र से सहयोग लिया जिससे उसे 50 हज़ार की सहायता मिल गई लेकिन वो इसकी मदद करना भी चाहता है लेकिन वो 20 हज़ार से ज़्यादा उसे नहीं दे पाएगा क्योंकि इससे ज़्यादा कैश देने पर उसपर 100 फ़ीसदी की पैनल्टी लगा दी जाएगी, जिससे राकेश की मां का सही से इलाज होने में दिक्कत आ सकती है.

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पेनाल्टी के डर से मदद को सामने नहीं आएंगे लोग
ऐसे में मदद के लिए भी लोग अपना हाथ पीछे घसीट लेंगे और लोगों को जो सरकार मदद करना चाह भी रही है नहीं हो पाएगी.

लोगों की मांग न हो ऐसी कोई भी बंदिश
लोगों की मांग है कि ऐसे मुश्किल समय मे किसी भी तरह की सीमा न रखी जाए, क्योंकि ज्यातर लोग ऐसे हैं जिन्हें इलाज में अस्पताल की फीस चुकाने के लिए अपने परिचितों से मदद लेनी होती है यानी सरकार एक तरफ तो राहत दे रही है कि 2 लाख से ज़्यादा अस्पताल का भुगतान कैश कियया जा सकेगा जिसके लिए देने वाले को पैन देना होगा लेकिन दूसरी तरह 20 हज़ार से ज़्यादा कैश या ऑनलाइन ट्रांसेक्शन के माध्यम मदद पर जुर्माना भी लगेगा और वो भी 100 फ़ीसदी.

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क्या सरकार का डर इस बात पर है कि कहीं कालाधन अस्पतालों में कैश के तौर पर न खपाया जाए

जानकारों की माने तो सरकार ने एक तरफ राहत तो दी है लेकिन दूसरी तरफ 20 हज़ार से ज़्यादा किसी दूसरे माध्यम से पैसा मिलने पर पेनाल्टी का प्रावधान इसलिए रखा जिससे अस्पतालों में दूसरे माध्यम से कालाधन न खपाया जा सके, हालांकि ये सिस्टम पहले से मौजूद है जिसमे 20 हज़ार से ज़्यादा के कैश लेनदेन पर जुर्माना लगाया जा सकता है लेकिन यहां मामला अस्पताल और इस आपदा का है. ऐसे में लोगों का डर ये है कि कहीं इस तरह की उलझन में लोगों के इलाज के साथ समझौता न हो.