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UPI Payment का करते हैं इस्तेमाल, तो हो जाएं सावधान, लाखों का लग सकता है चूना

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन (Linkedin) पर शेयर किए गए एक वीडियो में एक व्यक्ति ने यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) के जरिए धोखाधड़ी की पूरी दास्तान सुनाई है.

Updated on: 02 Oct 2020, 04:09 PM

नई दिल्ली:

अगर आप यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) के जरिए लेन-देन करते हैं तो यह खबर आपको जरूरत पढ़नी चाहिए. दरअसल, हाल ही में एक घटना सामने आई है जिसमें एक व्यक्ति से यूपीआई के जरिए धोखाधड़ी करके 80 हजार रुपये पार कर दिए गए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन (Linkedin) पर शेयर किए गए एक वीडियो में एक व्यक्ति ने यूपीआई के जरिए धोखाधड़ी की पूरी दास्तान सुनाई है. उसने वीडियो में बताया है कि कैसे फोन पे और ओएलएक्स के जरिए उसे 80,000 रुपये का चूना लग गया.

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कूलर का ऐड देना पड़ गया भारी
पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि उसने अपने कूलर को ओएलएक्स  (OLX) की वेबसाइट OLX.in पर बेचने के लिए ऐड दिया हुआ था. उस कूलर के लिए लखनऊ के एक व्यापारी ने इच्छा जताई और उसने पीड़ित व्यक्ति से बोला कि उसके दो लोग गाड़ी लेकर जा रहे हैं वे कूलर को ले लेंगे. व्यापारी ने कहा कि मैं कैश नहीं दे पाऊंगा. आप अपना गूगलपे या फोनपे का नंबर बता दीजिए ताकि मैं आपको पैसे ट्रांसफर कर दूं. पीड़ित व्यक्ति ने कहा कि मैं इन ऐप का इस्तेमाल नहीं करता हूं और मैंने अपनी पत्नी का फोन पे का नंबर व्यापारी को दे दिया.

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व्यापारी ने पहले 10 रुपये भेजने की बात कही. व्यापारी ने उसके बाद पीड़ित व्यक्ति की पत्नी से कहा कि होम स्क्रीन के ऊपर आपको एक बेल आइकन दिख रहा होगा. पीड़ित व्यक्ति ने कहा कि बेल स्क्रीन को क्लिक करने के बाद 10 रुपये आ गए लेकिन कुछ ही समय बाद थोड़े-थोड़े करके 80 हजार रुपये अकाउंट से चले गए. व्यापारी से पूछने पर उसने कहा कि यह पैसे गलती से डेबिट हो गए हैं और वापस आ जाएंगे. यह सुनकर पीड़ित व्यक्ति की पत्नी रोने लग गई और 15-20 मिनट के भीतर ही एसबीआई के ब्रांच दोनों लोग गए लेकिन ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अब आपके पैसे वापस नहीं मिल पाएंगे.

पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि अगर आपके पैसे फ्रॉड के जरिए चले गए तो आपको ना तो कंपनी और ना ही बैंक से मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को यूपीआई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.

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पुलिस ने लिया मामले का संज्ञान

पीड़ित व्यक्ति की व्यथा को जानकर प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह, आईपीएस (साइबर क्राइम, उत्तर प्रदेश पुलिस) ने पीड़ित व्यक्ति को अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी दिया था. उन्होंने पीड़ित व्यक्ति की हरसंभव मदद भी की. पुलिस ने मामले की छानबीन करके पीड़ित व्यक्ति को उसका पैसा वापस दिला दिया है और इस बात की पुष्टि खुद पुलिस अधिकारी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने की है. उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा है कि पीड़ित को उसका पैसा मिल गया है और अब वहू वापस साइबर अपराधियों के पीछे पड़ गए हैं.

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यूपीआई के जरिए होने वाली धोखाधड़ी से कैसे बचें
UPI आधारित ऐप जैसे Google Pay, BHIM, PhonePe आदि पर किसी दूसरे व्यक्ति से फंड पाने के लिए रिक्वेस्ट करने का ऑप्शन दिया गया होता है. धोखेबाज ऑनलाइन या ऑफलाइन खरीदार बन कर भोलेभाले लोगों से धोखाधड़ी करते हैं. धोखेबाज आपको कॉल करके अपना पिन नंबर दर्ज करके पेमेंट के रूप में इसे स्वीकार करने के लिए भी कह सकते हैं. बता दें कि इस तरह के ऐप में फंड को पाने के लिए किसी भी तरह के पिन को दर्ज करने की जरूरत नहीं होती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जाने अनजाने असुरक्षित ऐप को डाउनलोड करने से बचना चाहिए. इसके अलावा लोगों को फोन में एक मजबूत पैटर्न या बायोमेट्रिक पासवर्ड भी डालना चाहिए. साथ ही अवांछित डाउनलोड से बचने के लिए एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर को भी इंस्टॉल करना चाहिए.