भारत के संविधान ने देश के हर एक नागरिक को अधिकार दिए हैं. देश के अंदरूनी इलाकों में कानून व्यवस्था और शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी पुलिस के कंधों पर है. पुलिस शांति बनाए रखने के लिए जुर्म करने वालों और कानून तोड़ने वालों को गिरफ्तार करनी है. संविधान में पुलिस को ये अधिकार मिले हैं.
देश में हर राज्य की अपनी पुलिस है, जो राज्य सरकार को रिपोर्ट करती है. राज्य में शांति बनी रहे ये सुनिश्चित करना पुलिस का काम होता है. हालांकि, अगर किसी वजह से आपको पुलिस गिरफ्तार करने आए तो आपको क्या करना चाहिए, क्या आप जानते हैं. अगर नहीं तो न्यूजनेशन आपको इसके बारे में बताएगा.
गिरफ्तारी की वजह पूछे
जब भी पुलिस आपको अरेस्ट करने आए तो आपको सबसे पहले अपने वकील से बात करनी चाहिए. क्योंकि आपका वकील ही आपको उस स्थिति से निकालने में मदद कर सकता है. आपका वकील ही आपको ये बातें बता सकता है, जो आपको उस वक्त जानना जरुरी है. अगर आपको पुलिस पकड़ने आए तो आपको घबराने की बजाए अरेस्ट करने की वजह पूछनी चाहिए. आपको पुलिस से वारंट भी मांग लेना चाहिए. क्योंकि गैर संज्ञेय अपराधों में पुलिस के पास वारंट जरुरी है.
बिना वारंट नहीं हो सकती गिरफ्तारी
वारंट कोर्ट द्वारा जारी किया जाता है, जिसमें आप पर लगे आरोपों की सभी जानकारियां होती हैं. वारंट में आपका नाम लिखा होता है और अपराध का पूरा विवरण होता है. गैर-संज्ञेय अपराध में बिना वारंट के आपकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. इस बात को आप नोट कर लें.
पुलिस आपसे जबरदस्ती कुछ भी नहीं बुलवा सकती
खास बात है कि जब पुलिस आपको गिरफ्तार करती है तो आपके पास अधिकार है कि आपको चुप रहना है. पुलिस आपसे जबरदस्ती कुछ भी नहीं बुलवा सकती है. आप कानूनी सलाह लेने के बाद ही पुलिस से बात कर सकते हैं.
खुद को कूल रखें
आपको ध्यान देना है कि जब आपको या आपके किसी खास को पुलिस गिरफ्तार करने आती है तो आपको खुद को कूल रखना है और संविधान से मिले अधिकारों का इस्तेमाल करना है. आप ऐसे खुद की सुरक्षा कर सकते हैं.