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Mahakumbh 2025
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Mahakumbh 2025: 13 जनवरी से प्रयागराज मेला शुरू होने वाला है. धार्मिक उत्सव में करोड़ों लोग शामिल होंगे. ऐसे में होटलों के भाव आसमान छू रहे हैं पर आपको घबराने की जरुरत नहीं हैं.
Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025: तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत होने वाली है. 13 जनवरी से भव्य मेले का आगाज हो रहा है. ये धार्मिक उत्सव 12 साल में एक बार ही होता है. ये दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है. महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक चलेगा. देश-विदेश से करीब 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु भव्य महाकुंभ मेले में शामिल होंगे.
गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम स्थल पर होता है. उत्सव का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत ज्यादा है. यहां डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. खास बात है कि आयोजन में धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन और कथा के अलावा, साधु-संतों के दर्शन का भी अवसर मिलता है.
महाकुंभ मेले में ठहरने की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है. करोड़ों श्रद्धालुओं के एक शहर में होने के कारण होटलों और आश्रमों की बुकिंग पहले ही हो जाती है. महाकुंभ क्षेत्र के आस-पास के होटलों के भाव तो आसमान पर पहुंच गए हैं. आप भी अगर इस मेले में शामिल होने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको इन जगहों पर सस्ते और अच्छे होटल मिल जाएंगे.
संगम स्थल पर मौजूद रैन बसेरा, उन श्रद्धालुओं के लिए उपयुक्त है, जिन्हें कम बजट में यहां रुकना है. ये रैन बसेरे मुफ्त हैं. यहां रुकने के लिए आपको बस मोबाइल नंबर ही रजिस्टर करना होगा. इसके अलावा, संगम क्षेत्र में तीर्थ पुरोहित अपने रहने के लिए पंडाल बनाते हैं. आप इनके साथ भी ठहर कर सकते हैं. आपको इसके लिए अपनी जानकारी देनी होगी. लेकिन आप कब तक वहां रुकेंगे, आपको ये जानकारी देनी होगी. ये एक पारंपरिक अनुभव देने का तरीका हो सकता है.
आप गंगा के पूर्वी तट पर स्थित झूंसी में भी रुक सकते हैं. यहां कई आश्रम और धर्मशालाएं हैं. आप यहां आराम से रुक सकते हैं. झूंसी काफी शांत क्षेत्र है. यहां रुकने के साथ-साथ आपको स्नान की भी पूरी सुविधा मिल जाती है. आप झूंसी के अलावा, दरागंज क्षेत्र में भी रुक सकते हैं. यह इलाका पश्चिमी तट स्थित है. यहां बहुत सारे आश्रम और धर्मशालाएं हैं.