Utility News: आज के समय में ज्यादातर भारतीयों के पास पैन कार्ड एक जरूरी दस्तावेज है और इसके बारे में सभी लोग जानते भी हैं. इसमें हमारी कई महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं और इसका वित्तीय लेनदेन में एक आवश्यक दस्तावेज के रूप में महत्व होता है. लेकिन क्या आप TAN और TIN कार्ड्स के बारे में भी जानते हैं. यह भी कई लोगों के लिए जरूरी दस्तावेज होते हैं लेकिन इनका पर्पज थोड़ा अलग होता है.
पैन कार्ड का मतलब होता है परमानेंट अकाउंट नंबर (Permanent Account Number). ये दस अंकों का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है. पैन नंबर की मदद से सरकार आसानी से पैन कार्ड धारक के पैसे के लेनदेन को ट्रैक कर सकती है.
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TDS को ट्रैक करने के लिए इसका उपयोग
TAN का मतलब होता है Tax Deduction and collection account Number. TAN दस अंकों का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है. TAN नंबर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जारी करता है. TCS और TDS को ट्रैक करने के लिए इसको उपयोग में लाया जाता है.
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बिजनेस के लिए जरूरी होता है TIN नंबर
TIN नंबर से आशय टैक्स आइडेंटिफिकेशन नंबर (Tax Identification Number) से है. यह 11 अंकों का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है. TIN नंबर के पहले दो अंक राज्य को दर्शाते हैं. TIN नंबर को गृह मंत्रालय जारी करता है और इसका उपयोग अंतरराज्यीय बिक्री के लेनदेन में होता है. यह एक खास तरह का आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है.
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इस तरह होता है अंतर
तो आप समझ गए होंगे कि PAN, TAN और TIN कार्ड नंबर में क्या अंतर होता है और इन्हें किन कामों में यूज किया जाता है. पैन कार्ड का वास्ता हर इंसान से पड़ता है, इसलिए इसके बारे में तो सबको जानकारी होती है लेकिन बाकी के कार्ड बिजनेस से रिलेटेड होते हैं तो इसका वास्ता दुकानदारों से ज्यादा पड़ता है. तो अब इनके बारे में जानकर आप कभी कन्फ्यूज नहीं होंगे.
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