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Delhi Metro
दिल्ली मेट्रो में स्मार्ट कार्ड रिचार्ज करने और क्यूआर कोड वाला टिकट खरीदने के दौरान धोखाधड़ी की शिकायत आ रही है. धोखाधड़ी के आरोप कथित रूप से कर्मचारियों पर आ रहा है. ऐसी ही एक खबर सोशल मीडिया पर सामने आई, जिसमें एक यात्री के कार्ड रिचार्ज के दौरान कर्मचारी ने उसे 200 रुपये का चूना लगाने का प्रयास किया. हालांकि, यात्री की सूझबूझ के कारण ऐसा नहीं हो पाया.
DMRC ने कही कार्रवाई की बात
शिकायत पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम यानी डीएमआरसी ने अपनी सफाई दी. एक्स पर एक पोस्ट करके डीएमआरसी ने कार्रवाई करने की बात की. डीएमआरसी ने अपने पोस्ट में कहा कि यात्री को हुई असुविधा के लिए खेद है. डीएमआरसी लेन-देन में पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है. मेट्रो में पहले भी ऐसी शिकायत की गई है. ऐसे कर्मचारी दिल्ली मेट्रो की साख को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
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अब जानें क्या है पूर मामला
यात्री ने अपने एक पोस्ट में कहा है बहुत दिनों बाद वह मेट्रो स्टेशन गया था. उसने मेट्रो कार्ड का बैलेंस चेक नहीं किया कि उसमें पैसे हैं या फिर नहीं. यात्री ने कस्टमर केयर काउंटर पर स्मार्ट कार्ड रिचार्ज न करने के लिए पांच रुपये का नोट कर्मचारी को दिया. कर्मचारी ने उन्हें 300 रुपये और कार्ड वापस कर दिया. खास बात है कि कर्चमारी ने यात्री को भुगतान की कोई पर्ची नहीं दी.
अब सवाल है कि कर्मचारी ने पर्ची क्यों नहीं दी. दरअसल, यात्री के कार्ड में पहले से 276 रुपये मौजूद थे. कर्मचारी को लगा कि पर्ची नहीं दूंगा तो यात्री को पता नहीं चलेगा कि उसके कार्ड में पहले से पैसे हैं. लेकिन यात्री ने उससे पर्ची मांग ली, जिससे पूरे मामले का खुलासा हुआ.
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इन धोखाधड़ी से बचने के उपाय
ऐसी धोखाधड़ी से कैसे बचें, ये सबसे बड़ा सवाल है. इसका जवाब है- यात्री काउंटर छोड़ने से पहले हर लेन-देन की रसीद लें. रसीद पर छपी राशि और प्राप्त राशि को चेक करें. ऐसे मुद्दों पर डीएमआरसी गंभीर है. ऐसी शिकायतें मिलने पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाती है.