Passport Rule: विदेश में घूमने, नौकरी करने या फिर इलाज के लिए अगर जाना हो तो किस चीज की सबसे पहले जरुरत होती है…इस सवाल का जवाब हर किसी को पता है, जो है- पासपोर्ट. ये एक ऐसा डॉक्यूमेंट हैं, जो न सिर्फ आईडी कार्ड के रूप में करता है बल्कि आपकी पहचान भी सुनिश्चित करता है. इसी वजह से पिछले कुछ वर्षों में पासपोर्ट बनवाने वाले लोगों के आवेदन में इजाफा हुआ है. खास बात है कि युवाओं में पासपोर्ट बनवाने का चस्का अधिक हो गया है. वे धड़ाधड़ आवेदन कर रहे हैं.
ध्यान देने वाली बात है कि आइडेंटिटी प्रूफ से कहीं अधिक वैरिफिकेशन पासपोर्ट के लिए होता है. पुलिस वैरीफिकेशन भी किया जाता है. डॉक्यूमेंट में थोड़ी भी गलती पासपोर्ट के आपके आवेदन को रद्द कर सकती है.
ऐसे में लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या ऐसे लोगों के भी पासपोर्ट बन सकते हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया हो. या जिनके खिलाफ कोर्ट में कोई केस चल रहा है. आपके दिमाग के कौंधते ऐसी ही सवालों के जवाब हमेशा न्यूजनेशन देता है. आइये जानते हैं इसका जवाब…
Passport Rule: पासपोर्ट के क्या नियम हैं?
पासपोर्ट बनवाने के कई नियम हैं. कोर्ट केस के लिए भी एक नियम हैं. दरअसल, जब किसी व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट में कोई केस लंबित होता है तो वह भी पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकता है. हालांकि ऐसे लोगों को पासपोर्ट इस शर्त के साथ जारी किया जाता है कि अगर वह विदेश यात्रा अगर करता है तो उसे संबंधित अदालत में लिखित अनुमति लेनी पड़ती है. ऐसे व्यक्ति को आम तौर पर एक साल के लिए वैध अल्पकालिक पासपोर्ट जारी किया जाता है. इसके रिन्यू करवाया जा सकता है.
Passport Rule: आवेदन के लिए कोर्ट की अनुमति की जरुरत नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में 10 जनवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने साफ किया कि आपराधिक मामले में अगर फैसला विचाराधीन है तो पासपोर्ट के नवीनीकरण को नहीं रोक सकते हैं. कोर्ट ने साफ किया कि भारतीय पासपोर्ट अधिनियम 1967 के तहत पासपोर्ट के लिए आवेदक को समक्षम न्यायालय से अनुमति लेने की जरुरत नहीं है, चाहे उस पर आपराधिक आरोप हो या फिर नहीं. लेकिन हां विदेश यात्रा की योजना बना रहे व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है कि वह अदालत से अनुमति ले ले.