Rules Change : क्या Petrol, CNG और FASTag के बदलने वाले हैं नियम? जानिए विस्तार से

Rules Change : पेट्रोल, सीएनएजी और फास्टैग नियमों में जल्द ही बदलाव हो सकता है, ऐसा हम नहीं बल्कि सरकार विचार कर रही है. अगर ऐसा होता है तो आम-आदमी पर क्या प्रभाव पड़ेगा जान लें.

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Mohit Sharma
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Rules Change

Rules Change Photograph: (Social Media)

Rules Change : अगर आपके पास कार या बाइक है या फिर लेने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार देश में जल्दी पेट्रोल सीएनजी और फास्ट ट्रैक के नियमों में बदलाव होने वाले हैं. दरअसल, केंद्र सरकार एक नई नीति पर विचार कर रही है, जिसके तहत अब पेट्रोल और सीएनजी चालित वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना जरूरी होगा. जिन वाहनों के पास थर्ड पार्टी बीमा नहीं होगा, उन्हें ना तो पेट्रोल डीजल मिलेगा और ना ही सीएनजी भरवाने और फास्ट टैग खरीदने की अनुमति होगी. बिना इंश्योरेंस वाले वाहन मालिक के ड्राइविंग लाइसेंस का रिन्यूअल भी नहीं होगा. तो आइए इसके बारे में आपको थोड़ी और जानकारी देते हैं.

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थर्ड पार्टी बीमा आखिर होता क्या है

वित्त मंत्री की ओर से सड़क परिवहन मंत्रालय से मोटर व्‍हीकल इंश्‍योरेंस से जुड़े उपायों पर चर्चा के करने के लिए कहा गया है. सबसे पहले जानिए यह थर्ड पार्टी बीमा आखिर होता क्या है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस किसी वाहन से जुड़े दुर्घटना में थर्ड पार्टी को हुए नुकसान को कवर करता है. मान लीजिए आपकी बाइक या कार किसी दूसरी बाइक या कार से टकराती है तो दुर्घटना में हुए नुकसान की भरपाई आपकी इंश्योरेंस कंपनी सामने वाले को देती है और इसे ना लेने पर जुर्माना भी हो सकता है. इसे एक्ट ओनली बीमा भी कहा जाता है. मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 146 के अनुसार भारतीय सड़कों पर गाड़ी चलाने में सक्षम होने के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी है, जो कम से कम 3 महीने का होना चाहिए. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी के फायदे की बात करें तो सबसे पहले नंबर पर है सुरक्षा. असल में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के होने से दुर्घटना के दौरान किसी तीसरी पार्टी को हुए नुकसान के के लिए वाहन मालिक को आर्थिक बोझ नहीं उठाना पड़ता. भुगतान की जिम्मेदारी इंश्योरेंस कंपनी की होती है.

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क्या होने वाले हैं बदलाव

दूसरा कानूनी आवश्यकता.... भारत में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का होना जरूरी है. तीसरा, सरकार का कदम... सरकार ने यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और दुर्घटनाओं में होने वाले मुआवजे के मामलों को हल करने के लिए उठाया है. चौथा, मुआवजा... थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में विभिन्न प्रकार के मुआवजे शामिल हैं. जैसे किसी अन्य की मृत्यु या शारीरिक क्षति पर मुआवजा, किसी अन्य व्यक्ति की वाहन और संपत्ति की क्षति पर मुआवजा, कानूनी और अस्पताल संबंधी खर्चों का भुगतान. अब जानिए फास्ट टैग और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का क्या कनेक्शन है. फास्ट टैग का इस्तेमाल टोल प्लाजा पर डिजिटल भुगतान के लिए होता है, जिसे अब थर्ड पार्टी बीमा के साथ जोड़ा जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि अब वाहन मालिक को फास्ट टैग लेने के लिए भी थर्ड पार्टी बीमा का सर्टिफिकेट दिखाना होगा. इससे ना सिर्फ टोल प्लाजा पर सुविधा होगी बल्कि सड़क पर सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी. सीएनजी वाहनों के लिए भी यह नियम लागू कर दिया गया है. इन वाहनों को पेट्रोल और डीजल वाहनों की तरह ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की जरूरत पड़ेगी.

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जुर्माने के साथ सजा भी

सीएनजी से चलने वाले वाहन पर्यावरण के लिए बेहतर होते हैं, लेकिन सड़क पर सुरक्षा के लिहाज से यह नियम उतना ही महत्त्वपूर्ण है. बता दें कि वर्तमान में मोटर वाहन अधिनियम के तहत थर्ड पार्टी बीमा के बिना वाहन चलाना अपराध है. ऐसे में पहली बार पकड़े जाने पर 2000 जुर्माना या 3 महीने की जेल या दोनों हो सकते हैं. वहीं दूसरी बार अपराध करने पर जुर्माना 4000 तक तक बढ़ सकता है. गौरतलब है कि यह कदम सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. अगर आप एक जिम्मेदार वाहन चालक हैं तो यह नियम आपको पूरी तरह से पालन करना चाहिए ताकि ना सिर्फ आप खुद की सुरक्षा कर सके बल्कि आपके द्वारा सड़क पर चल रहे अन्य लोग भी सुरक्षित रहे याद रखें.

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