अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या कोई कंपनी कर्मचारी को नोटिस पीरियड सर्व करने के लिए कह सकती है या फिर मजबूर कर सकती है. यदि आपको जल्दी से दूसरी जगह ज्वाइन करना है तो आपके पास क्या विकल्प होते हैं. आज इसी बारे में हम बात करते हैं.
दरअसल, भारत में करोड़ों की संख्या में सर्विस क्लास लोग हैं जो अच्छी नौकरी की तलाश में रहते हैं और जब नई नौकरी मिल जाती है तो फिर पुरानी कंपनी से रिजाइन देना होता है. रिजाइन देने के बाद वह कई कागजी काम तो करता ही है, इसके साथ ही उसे कंपनी के अनुसार नोटिस पीरियड भी सर्व करना होता है.
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नोटिस पीरियड पूरा न करने पर ये आती है परेशानी
कंपनियों का नोटिस पीरियड टाइम भी अलग होता है. कुछ कंपनियों में 15 दिन तो कुछ में एक महीने का नोटिस पीरियड होता है. कुछ ऐसी भी कंपनियां होती हैं जहां 2 महीने से लेकर 3 महीने का नोटिस पीरियड होता है. जब भी आप कंपनी छोड़कर जाना चाहते हैं तो कंपनी का प्रयास रहता है कि कर्मचारी नोटिस पीरियड सर्व करके ही जाए. नहीं तो वह रिलीविंग लेटर नहीं देते हैं और दूसरे डॉक्यूमेंट में भी परेशानी आती है.
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इस तरह से नोटिस पीरियड के बिना भी छोड़ सकते हैं कंपनी
अब आते हैं उस जरूरी बात पर कि क्या नोटिस पीरियड सर्व किए बिना भी बीच का कुछ रास्ता निकल सकता है. तो इस बारे में नियम है कि अगर दूसरी कंपनी कर्मचारी को जल्दी ज्वाइन करवाना चाहती है, तो इस स्थिति में वह नोटिस पीरियड बाय-आउट कर लेती है. इसमें पैसों से उसका सैटलमेंट किया जाता है. यदि कंपनी का मैनेजमेंट चाहे तो कई बार कर्मचारी छुट्टियों से अपने नोटिस पीरियड को एडजस्ट करवा लेता है. इस तरह कोई भी कर्मचारी बिना नोटिस पीरियड सर्व किए कंपनी को किसी भी समय छोड़ सकता है.
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