logo-image

पश्चिम बंगाल: नारदा केस में ईडी ने चार्जशीट दायर की, TMC नेता बोले मैं खुश हूं क्योंकि...

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के चर्चित नारदा स्टिंग केस में चार्जशीट दाखिल कर दी है

Updated on: 02 Sep 2021, 11:28 PM

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के चर्चित नारदा स्टिंग केस में चार्जशीट दाखिल कर दी है. ईडी की ओर से जो चार्जशीट दाखिल की गई उसमें राज्य में सत्ताधारी  ममता बनर्जी सरकार के दो मंत्रियों के नाम शामिल हैं. इन मंत्रियों में फिरहाद हाकिम व सुब्रत मुखर्जी के नाम हैं. ईडी ने यह चार्जशीट कोलकाता की स्पेशल कोर्ट में दाखिल किया है. इस बीच टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मेरा नाम (चार्जशीट पर) है. नहीं तो मेरी बदनामी हो जाती. सुवेंदु अधिकारी का नाम चार्जशीट में नहीं है क्योंकि वह बीजेपी के नेता हैं.'

यह भी पढ़ें : अफगानिस्तान से बचे हुए लोगों को निकालने के लिए जमीनी रास्ते तलाश रहा अमेरिका

 प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बड़े घटनाक्रम में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, पूर्व मंत्री मदन मित्रा, पूर्व मेयर सोवन चटर्जी और आईपीएस अधिकारी एस. एम. एच. मिर्जा के खिलाफ यहां की एक सत्र अदालत में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल किया. इन सभी को 16 नवंबर को कोर्ट में पेश होने के लिए तलब किया गया है। ईडी अधिकारियों के अनुसार, सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और मदन मित्रा राज्य विधानसभा के निर्वाचित सदस्य हैं, इसलिए उन्हें अध्यक्ष बिमान बनर्जी के माध्यम से सम्मन भेजा जाएगा. सोवन चटर्जी और मिर्जा को सीधे समन भेजा जाएगा.

यह भी पढ़ें : क्या मंगल ग्रह पर भी होता है भूस्खलन, ESA द्वारा जारी तस्वीरों का क्या है रहस्य

ईडी के अधिकारियों ने यह भी कहा कि विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, तृणमूल सांसद सौगत रॉय, काकोली घोष दस्तीदार और प्रसून बनर्जी और भाजपा से तृणमूल में जा चुके नेता मुकुल रॉय जैसे अन्य प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जिनके खिलाफ जांच जारी रहेगी. नारद घोटाला 2014 के एक स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है, जिसमें तृणमूल के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों और राजनेताओं को निशाना बनाया गया था, जिसमें कई राजनेताओं और उच्च पदस्थ अधिकारियों को कंपनियों से कथित रूप से रिश्वत लेने की एवज में उन्हें फायदा पहुंचाने की बात की गई थी. 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले स्टिंग ऑपरेशन को सार्वजनिक किया गया था. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मार्च 2017 में नारद घोटाले की सीबीआई के नेतृत्व में जांच का आदेश दिया था, जबकि ईडी को भी मामले की जांच के लिए शामिल किया गया था.