logo-image

गृह मंत्रालय ने बढ़ाई शुभेंदु अधिकारी के पिता और भाई की सुरक्षा, दोनों सांसदों को मिली Y+ सिक्योरिटी

केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के पिता शिशिर अधिकारी (Sisir Adhikari) और भाई दिव्येंदु अधिकारी (Dibyendu Adhikari) की सुरक्षा बढ़ा दी है. दोनों ही सांसद हैं.

Updated on: 22 May 2021, 12:07 PM

highlights

  • शुभेंदु अधिकारी के पिता-भाई की सुरक्षा बढ़ी
  • दोनों सांसदों को वाई प्लस सुरक्षा दी गई
  • चुनाव के बाद भी जारी है राजनीतिक हिंसा

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Election 2021) के नतीजे भले ही आ चुके हैं, लेकिन सियासी सरगर्मी लगातार बनी हुई है. चुनाव के बाद भी बीजेपी नेताओं पर हमले जारी हैं. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के पिता शिशिर अधिकारी (Sisir Adhikari) और भाई दिव्येंदु अधिकारी (Dibyendu Adhikari) की सुरक्षा बढ़ा दी है. दोनों ही सांसद हैं. मंत्रालय ने दोनों ही सांसदों को वाई प्लस (Y+) कैटेगरी की सुरक्षा देने की घोषणा की है. सीआरपीएफ के जवान इनकी सुरक्षा करेंगे.

ये भी पढ़ें- मध्य प्रदेश: भोपाल में एक जून तक रहेगा कोरोना कर्फ्यू

आपको बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से सुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव लड़ा था और हार गई थीं. उन्होंने और उनके परिवार ने चुनाव से पहले टीएमसी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शिशिर अधिकारी की भी सुरक्षा बढ़ाई थी. उनके अलावा बीजेपी में शामिल होने वाले अभिनेता से नेता बते मिथुन चक्रवर्ती भी गृह मंत्रालय की सुरक्षा से घिरे रहते हैं. 

बता दें कि नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी के हाथों ममता बनर्जी को शिकस्त झेलनी पड़ी है. TMC समर्थक नंदीग्राम के परिणाम आने के बाद भड़क उठे. परिणाम आने के बाद हल्दिया में शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर पत्थरबाजी की गई. शुभेंदु के काफिले पर हमले का आरोप TMC समर्थकों पर लगा है. हाल ही में सीबीआई ने ममता कैबिनेट के मंत्रियों समेत टीएमसी के 4 वरिष्ठ नेताओं को नारद स्टिंग ऑपरेशन केस में गिरफ्तार कर लिया था.

ये भी पढ़ें- वैक्सीनेशन को लेकर राजनीति के शिकार हो रहे दिल्लीवासी, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला बढ़ गया. सत्तारूढ़ टीएमसी ने बीजेपी पर बदले की भावना से काम करने और उनके नेताओं को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया. इसके बाद से टीएमसी और बीजेपी में बयानबाजी शुरू हो गई है. टीएमसी ने पूछा है कि सिर्फ टीएमसी के नेताओं पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है, बीजेपी में गए मुकुल रॉय या शुभेंदु अधिकारी पर कोई एक्शन क्यों नहीं हो रहा है.