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मध्य प्रदेश: भोपाल में एक जून तक रहेगा कोरोना कर्फ्यू

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है और हालात भी काबू में हो रहे हैं. जहां एक दिन में नए मामलों की संख्या पांच हजार से कम हो चली है तो वहीं 40 जिलों में पॉजिटिविटी दर 10 से कम हो गई है.

Updated on: 22 May 2021, 12:01 PM

नई दिल्ली:

Corona curfew in Bhopal : मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आ रहा है और हालात भी काबू में हो रहे हैं. जहां एक दिन में नए मामलों की संख्या पांच हजार से कम हो चली है तो वहीं 40 जिलों में पॉजिटिविटी दर 10 से कम हो गई है. नौ जिले तो ऐसे हैं जहां पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से कम हो गई है. हालांकि, भोपाल जिले की समीक्षा में पाया गया कि यहां भी पिछले कुछ दिनों से 650 से 700 के बीच मामले आ रहे हैं. इससे यह प्रतीत होता है कि कुछ क्षेत्रों में संक्रमण की चेन नहीं टूटी है. इसे लेकर भोपाल प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. 

एमपी के भोपाल में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए स्थानीय कलेक्टर ने शनिवार को बड़ा आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत भोपाल में एक जून की सुबह 6:00 बजे तक कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) बढ़ा दिया गया है. इससे पहले यहां 24 मई तक कोरोना कर्फ्यू था. हालांकि, इस कोरोना कर्फ्यू के दौरान सिर्फ आवश्यक चीजें लेने की ही छूट रहेंगी. 

आपको बता दें कि एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार कोरोना की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और समीक्षा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री चौहान का मानना है कि प्रदेश के जिन जिलों में पिछले कुछ दिनों से मामले कम नहीं हो रहे हैं, वहां क्षेत्रवार रणनीति बनाकर कोरोना को खत्म करो अभियान एवं कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कर संक्रमण की चेन तोड़ी जाना जरूरी है.

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमें इस माह के अंत तक प्रदेश के सभी जिलो में कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के हरसंभव प्रयास करने हैं, जिससे आगामी माह से जन-जीवन सामान्य करने की दिशा में प्रयास किए जा सकें. प्रभारी मंत्रियों के निर्देशन में सभी प्रभारी अधिकारी अपने जिले में एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाकर उसे सख्ती से लागू करें.

वहीं, राज्य में दवाओं की कालाबाजारी के मामले भी सामने आ रहे हैं. नकली रेमडेसीविर बेचने वालों, कालाबाजारी करने वाले 72 व्यक्तियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा अधिक शुल्क लिए जाने पर अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है. कुल 265 प्रकरणों में कार्रवाई करते हुए मरीजों के परिजनों को एक करोड़ नौ लाख रुपये की राशि वापस दिलाई गई है.