कोलकाता में SIR को लेकर BJP-TMC कार्यकर्ताओं में झड़प, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर की बढ़ाई गई सुरक्षा

पश्चिम बंगाल में टीएमसी एसआईआर का लगातार विरोध कर रही है. सोमवार को टीएमसी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. जहां देर रात बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्तांओं के बीच झड़प हो गई.

पश्चिम बंगाल में टीएमसी एसआईआर का लगातार विरोध कर रही है. सोमवार को टीएमसी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया. जहां देर रात बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्तांओं के बीच झड़प हो गई.

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Suhel Khan
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Kolkata Clash TMC BJP Worker

कोलकाता में बीजेपी-टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प Photograph: (ANI)

देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का कार्य जारी है. जिसे लेकर पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी लगातार विरोध कर रही है. इस बीच सोमवार को टीएमसी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. इस बीच देर रात सीईओ ऑफिस के बाहर बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. उसके बाद सीईओ ऑफिस के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई. इस दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारी चुनाव आयोग कार्यालय के मुख्य द्वार पर जुट गए. जिससे हालात पहले से भी ज्यादा तनावपूर्ण हो गए.

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बीजेपी ने टीएमसी पर लगाया आरोप

इस बीच बीजेपी ने सत्ताधारी तृणमुल कॉग्रेस पर एसआईआर प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगाया है. बीजेपी उत्तर कोलकाता के जिला अध्यक्ष तमोघना घोष ने कहा कि, "ये टीएमसी के गुंडे हैं और गुंडागर्दी करने आए हैं. इनका व्यवहार और हरकतें देखिए. ये लोग बीएलओ नहीं हैं. ये आधी रात को सीओ ऑफिस में छेड़छाड़ करने आए थे. हमने उन्हें रोका."

सोमवार देर रात सीईओ ऑफिस के गेट दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प के बाद तमाम कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की. इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने दोनों पार्टियों के बीच हस्तक्षेप कर मामले को शांत करने की कोशिश की. साथ ही पुलिस टीमों ने सीईओ ऑफिस के बाहर कड़ी घेराबंदी कर दी.

प्रदर्शनकारियों ने मांगा जवाब

प्रदर्शनकारियों में कई स्कूली शिक्षक भी शामिल थे, जिन्होंने कहा कि वे बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के साथ एकजुटता दिखाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि, "मैं एक शिक्षक हूं. मैं बीएलओ नहीं हूं. हम बीएलओ के समर्थन में यहां हैं. हम चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने आए हैं. हमारे प्रतिनिधि कार्यालय के अंदर हैं. जब तक अधिकारी हमसे नहीं मिलते, हमारा विरोध यहीं जारी रहेगा."

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वहीं मुर्शिदाबाद के एक शिक्षक ने आरोप लगाया कि एसआईआर, जिसमें आमतौर पर दो साल लगते हैं, उसे दो महीनों में निपटाया जा रहा है. प्रदर्शनकारी ने कहा कि, "एसआईआर प्रक्रिया दो महीने में पूरी की जा रही है. बिहार में करोड़ों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए. यहां भी यही साज़िश चल रही है."

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