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Sikyara Tunnel Rescue: अब इस प्लान से सुरंग से बाहर निकलेंगे 41 मजदूर, सेना ने भी तैयार किए छेनी-हथौड़ा

Sikyara Tunnel Rescue: सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हाथ से मलबा निकालकर ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा. जिसमें पाइप डालकर मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी.

Updated on: 26 Nov 2023, 01:17 PM

highlights

  • अब सेना करेगी रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद
  • हैदराबाद से मंगाया गया प्लाज्मा कटर
  • पहले निकाला जाएगा ऑगर मशीन का मलबा

New Delhi:

Uttarakhand Tunnel Rescue Operation: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को आज 15वां दिन है. इन 15 दिनों में मजदूरों को बाहर निकालने की तमाम कोशिशें हुई हैं लेकिन हर कोई कोशिश कुछ ही दिनों बार नाकाम हो जाती है. ऑगर मशीन से सुरंग में ड्रिलिंग कर मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशों को शुक्रवार शाम को तब बड़ा झटका लगा जब मशीन मलबे में ड्रिलिंग के दौरान सरियों से टकराकर टूट गई. इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा. अब मजदूरों को बाहर निकालने के लिए एक नई प्लाज्मा कटर मशीन मंगाई गई है. ये मशीन हैदराबाद से उत्तरकाशी पहुंच गई है.

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दरअसल, प्लाज्मा कटर मशीन ने टनल की ड्रिलिंग के दौरान टूट चुकी ऑगर मशीन को काटकर बाहर निकाला जाएगा. उसे बाद ही रेस्क्यू ऑपरेशन को दोबारा शुरू किया जा सकेगा. ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को निकालने में काफी समय लगेगा. ऐसा माना जा रहा है कि मशीन के मलबे को बाहर निकाल लिया जाता है तो अगरे 12-14 घंटों में बचाव अभियान को फिर से शुरू किया जाएगा. 

सेना चलाएगी बचाव अभियान

वहीं दूसरी ओर अब 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हाथ से मलबा निकालकर ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा. जिसमें पाइप डालकर मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश की जाएगी. इस काम के लिए भारतीय सेना की 'कोर ऑफ इंजीनियर्स' के समूह 'मद्रास सैपर्स' की एक इकाई को सिलक्यारा बुलाया गया है. जो रविवार को घटनास्थल पर पहुंच गई है. इस इकाई में 20 जवान शामिल हैं. जो स्थानीय लोगों की मदद से सुरंग में रास्ता बनाएंगे. जानकारी के मुताबिक, इस दौरान जवान और स्थानीय लोग हाथों और छेनी हथौड़ा और अन्य औजारों से मिट्टी खोदकर रास्ता बनाने का काम करेंगे. उसके बाद ऑगर मशीन के ही प्लेटफार्म से पाइप को आगे धकेला जाएगा.

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शुक्रवार रात मलबे में फंस गई थी ऑगर मशीन

बता दें कि सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी ऑगर मशीन के ब्लेड शुक्रवार रात मलबे में फंस गए थे, जिसके बाद अधिकारियों को अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ा, जिसके बाद कहा गया कि बचाव अभियान में कई दिन और सप्ताह लग सकता है. हालांकि कई बचाव एजेंसियों ने पहाड़ के ऊपर से 86 मीटर नीचे ड्रिलिंग का का प्लान बनाया. हालांकि ऊपर से ड्रिलिंग करना बेहद घातक साबित हो सकता है, इसलिए इस पर अमल करना बेहद मुश्किल है. विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय सुरंग के अंदर सभी 41 लोग ठीक है और उन्हें खाना-पानी जैसे सभी जरूरी सामान मुहैया कराए जा रहे हैं.