logo-image

उत्तराखंड: CM तीरथ सिंह रावत ने गिनाईं अपनी सरकार की उपलब्धियां

उत्तराखंड में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को देहरादून में प्रेस कॉफ्रेंस की

Updated on: 02 Jul 2021, 11:19 PM

नई दिल्ली:

उत्तराखंड में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को देहरादून में प्रेस कॉफ्रेंस की. इस दौरान सीएम रावत ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, लेकिन जब उनसे इस्तीफे को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी साथ ली. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर इस्तीफे की पेशकश की है. सूत्रों के अनुसार रावत ने नड्डा से कहा कि उनकी जगह किसी और को नेता चुन लिया जाए. उन्होंने इस्तीफे की पेशकश संवैधानिक वजहों से की है. आपको बता दें कि उत्तराखंड में संवैधानिक स्थिति के मद्देनजर CM तीरथ सिंह रावत को बदला जा सकता है, इस बार किसी विधायक को ही CM बनाया जा सकता है. शपथ लेने के 6 महीने के भीतर चुनाव जीतकर विधायक बनना जरूरी, लेकिन कोरोना के कारण उपचुनाव नहीं हो पा रहे, चुनाव आयोग से सभी विकल्प को लेकर विचार किया जा रहा है. दो-तीन दिन दिल्ली रहने और पार्टी आलाकमान से मिलकर वापस देहरादून लौट गए हैं.

यह भी पढ़ें : कोरोना एक्टिव केस 86% घटे, रोजाना औसतन 44 हजार मामले : स्वास्थ्य मंत्रालय

सीएम तीरथ सिंह रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उत्तराखंड में 20 हजार नई नियुक्तियां की जाएंगी. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है, उत्तरखंड भी इससे अछूता नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने कोरोना महामारी से काफी हद तक निजात पा ली है, हालंाकि हमारे ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इसके साथ ही ऐसे लोगों के समय बिजली और पानी भी बड़ी समस्या थी. इसलिए सरकार की ओर से उनको जो भी सुविधाएं दी जा सकती थी, वो दी गईं. राहत सहायता राशि को लेकर कई बड़े कदम उठाए गए. राज्य सरकार तकरीबन दो हजार करोड़ की सहायता राशि प्रदान करने जा रही है. 

यह भी पढ़ें : इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के परिसर के अंदर देखा गया ड्रोन, हड़कंप

सीएम तीरथ सिंह रावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उत्तराखंड में 20 हजार नई नियुक्तियां की जाएंगी. उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी की वजह से पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है, उत्तरखंड भी इससे अछूता नहीं है.