उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को बागवानी विकास योजना में किसानों को राहत देने, कोविड-19 नमूनों के संग्रह और जांच की प्रक्रिया में गति लाने के लिये निजी प्रयोगशालाओं से अनुबंध करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में राहत प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.
बागवानी मिशन में सब्जी, बीज, पुष्प पर दिया जाने वाला 50 प्रतिशत का अनुदान अब सभी कृषकों को दिया जायेगा. बागवानी मिशन से अलग फल, बीज, आलू, अदरक पर 50 प्रतिशत राज्य सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी तथा कोल्ड स्टोर और एसी वैन पर भी अनुदान दिया जायेगा. पन्द्रह लाख रुपये की लागत के कोल्ड स्टोर पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा 26 लाख रुपये एसी वैन (तापमान नियंत्रित वाहन) की लागत पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा.
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कौशिक ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने प्रदेश में कोविड-19 के नमूनों के संग्रह और जांच को गति देने के लिए निजी प्रयोगशालाओं से उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों में चल रही दरों पर जांच कराने का निर्णय लिया है. इसके अलावा, उन्होंने बताया कि इसी बीच निजी प्रयोगशालाओं से निविदा आमंत्रित की जाएगी और जांच की न्यूनतम दर की पेशकश करने वालों से अनुबंध किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि निविदा प्रक्रिया के लिए अवधि 15 दिनों से घटाकर चार दिन कर दी गयी है. एक अन्य फैसले में, मुख्य सचिव से लेकर नीचे तक के सभी कार्मिकों का वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रत्येक माह में एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा. पेंशनरों से किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जायेगी जबकि दायित्वधारियों का वर्तमान वित्त वर्ष में प्रत्येक माह में पांच दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जायेगा.
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कौशिक ने कहा कि मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि श्रम अधिनियम के अंतर्गत दुकान, प्रतिष्ठान के नियोजकों को संदिग्ध कोविड कर्मचारियों को 28 दिन की पृथकवास अवधि का वेतन भुगतान करना होगा. मंत्रिमंडल ने कोविड स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उपकरण क्रय का अधिकार तीन माह से बढ़ाकर 28 फरवरी तक कर दिया गया.