उत्तराखंड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में अब तक 17 हजार से ज्यादा पंजीकरण
कोविड—19 (CoronaVirus Covid-19) के प्रभाव के कारण उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों तथा राज्य में रहने वाले युवाओं को रोजगार देने के लिए शुरू की गयी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अब तक कुल 17,653 लोग अपना नाम दर्ज करा चुके हैं.
देहरादून:
कोविड—19 (CoronaVirus Covid-19) के प्रभाव के कारण उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों और राज्य में रहने वाले युवाओं को रोजगार देने के लिए शुरू की गयी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अब तक कुल 17,653 लोग अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने यहां संवाददाताओं को बताया कि सभी विभागों की रोजगारपरक योजनाओं को अधिक आकर्षक और सुविधायुक्त बनाकर इस योजना के तहत एक छत्र के नीचे लाया गया है, जिससे इच्छुक व्यक्ति अपनी सुविधा और कौशल के अनुसार व्यवसाय चुन सकें . यह योजना 13 मई को शुरू हुई थी.
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उन्होंने बताया कि इसके लिए बनाए गये 'होप' पोर्टल पर अब तक कुल 17,653 युवाओं ने पंजीकरण किया है जिसमें सर्वाधिक पंजीकरण 3777 देहरादून से हुए हैं . रूद्रप्रयाग से 2365, उधमसिंह नगर जिले से 2066, टिहरी गढ़वाल से 1818, पौड़ी से 1616, अल्मोड़ा से 1574, नैनीताल से 1390, हरिद्वार से 688, चंपावत से 674, बागेश्वर से 517, चमोली से 429, उत्तरकाशी से 388 और पिथौरागढ़ से 353 लोगों ने रोजगार के लिए पंजीकरण कराया है.
मंत्री ने बताया कि इसके अलावा पोर्टल पर 51 नियोजकों द्वारा 966 रिक्तियाँ स्वास्थ्य, आई.टी. और तकनीशियन क्षेत्र में अपलोड की गई हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में लौटे कुल प्रवासियों की संख्या 3.27 लाख है जो अभी और बढ़ सकती है. कौशिक ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को प्रवासियों के लिए जिला उद्योग केन्द्र द्वारा काउंसलिंग कराए जाने और उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गये हैं.
उन्होंने बताया कि विभिन्न व्यवसायों में विनिर्माण के क्षेत्र में 10 लाख से 25 लाख रुपये तक के ऋण पर 15, 20 और 25 प्रतिशत की सब्सिडी की व्यवस्था की गई है . अभी तक इस संबंध में कुल 15,109 आवेदन प्राप्त हुए हैं. कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहकारिता विभाग द्वारा मोटरसाईकिल- टैक्सी योजना संचालित की गयी है जिसमें प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए लाभार्थियों को 60 हजार रुपये से लेकर 1.25 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जायेगा.
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उन्होंने बताया कि कोरोना काल में उपजे आर्थिक संकट से उबारने के लिए फेरी व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना को लाया गया है जिसमें पात्र पथ विक्रेताओं को 10 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी ब्याज अनुदान के साथ आसान ऋण पर उपलब्ध कराई जाएगी . मंत्री ने कहा कि इस योजना से पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी की खोज में होने वाले पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी.
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