कांवड़िया जल भरने के लिए हरिद्वार आए तो होंगे 14 दिन क्वारंटाइन, खुद उठाना पड़ेगा खर्च

कोरोना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए पहले ही रोक लगा दी है. लेकिन यात्रा पर पूर्ण पाबंदी के लिए यूपी-हरियाणा के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को इसके लिए विशेष रणनीति बनाई है.

कोरोना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए पहले ही रोक लगा दी है. लेकिन यात्रा पर पूर्ण पाबंदी के लिए यूपी-हरियाणा के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को इसके लिए विशेष रणनीति बनाई है.

author-image
Sushil Kumar
एडिट
New Update
kanvad

प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना महामारी (Corona) के चलते उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड (Uttar pradesh) सरकार ने कांवड़ यात्रा के लिए पहले ही रोक लगा दी है. लेकिन यात्रा पर पूर्ण पाबंदी के लिए यूपी-हरियाणा के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को इसके लिए विशेष रणनीति बनाई है. इसके लिए दंड की भी व्यवस्था की गई है. तीनों राज्यों के अधिकारियों की समन्वय बैठक में तय किया गया कि बिना अनुमति हरिद्वार जिले की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. यदि कोई जल लेने के लिए आता हुआ या फिर जल लेते हुए पकड़ा गया तो उन्हें 14 दिन के लिए संस्थागत क्वारंटाइन किया जाएगा. साथ ही, क्वारंटाइन का खर्च यात्रियों को स्वयं वहन करना होगा. कलक्ट्रेट सभागार में बुधवार को हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर और हरिद्वार के पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की समन्वय बैठक हुई.

Advertisment

यह भी पढ़ें- गलवान घाटी में पुरानी स्थिति पर लौटने पर बनी सहमति, भारत चीन में तय हुआ ये फॉर्मूला

कोरोना के चलते स्थगित की गई कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रियों को रोकना था

बैठक का मुख्य एजेंडा कोरोना के चलते स्थगित की गई कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रियों को रोकना था. बैठक में लोगों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए इस साल कांवड़ यात्रियों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रखने पर सहमति बनी. जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर ने कहा कि कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा को स्थगित किया गया है.बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के बीच उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh), उत्तराखंड और हरियाणा ने संयुक्त रूप से निर्णय लेते हुए 6 जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है. शिव भक्तों की कांवड़ यात्रा (Kanvad Yatra) एक प्रमुख धार्मिक यात्रा होती है. 2019 में, सावन के शुभ महीने में 4 करोड़ से अधिक भक्त हरिद्वार गए थे. सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत और मनोहर लाल खट्टर के बीच शनिवार देर रात एक वीडियो-कॉन्फ्रेंस के बाद कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देने का फैसला आया. योगी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और संभागीय आयुक्तों को भी धार्मिक नेताओं, कांवड़ संघों और शांति समितियों को फैसले के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया.

यह भी पढ़ें- तूतीकोरिन: पुलिस की पिटाई से पिता-पुत्र की मौत का आरोप, 4 पुलिसकर्मी गिरफ्तार

शिव मंदिरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल को भी सख्ती से लागू करने का निर्णय

सरकार के प्रवक्ता ने कहा, "मुख्यमंत्री ने कहा है कि धार्मिक नेताओं और कांवड़ संघों को भक्तों से अपील करनी चाहिए कि वे इस वर्ष महामारी के मद्देनजर यात्रा न निकालें. सावन के महीने में शिव मंदिरों में कोविड-19 प्रोटोकॉल को भी सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया गया है. सावन के महीने में शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त उमड़ते हैं और राज्य सरकार ने मंदिर में एक समय में पांच श्रद्धालुओं से ज्यादा को जाने देने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया है. एक बार में पांच से ज्याद भक्त मंदिर के अंदर मौजूद नहीं हो सकते हैं. हरिद्वार, गौमुख और गढ़मुक्तेशवर में गंगा में स्नान के बाद अपने साथ लिए पात्रों में जलभर कर बड़ी संख्या में भक्त शिव मंदिर में उन्हें चल चढ़ाते हैं.

Kanvadiya corona ganga jal Kanvad haridwar
      
Advertisment