चारधाम यात्रा आज से शुरू, सरकार ने जारी की SOP, जानें नियम
सरकार ने चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है. केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किए जाएंगे जिसके बाद ही चारधामों में दर्शन की मंजूरी मिलेगी.
नई दिल्ली :
चारधामों के कपाट खुलने के लगभग चार महीने के बाद आज से यानी शनिवार से चारधाम यात्रा शुरू हो गई है. सरकार ने चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है. केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किए जाएंगे जिसके बाद ही चारधामों में दर्शन की मंजूरी मिलेगी. गुरुवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए चारधाम यात्रा पर लगाई रोक को हटा दिया है. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि चारों धामों में मेडिकल की पूर्ण सुविधा हो. मेडिकल स्टाफ, नर्सें, डॉक्टर, ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था हो. इसके साथ ही सरकार मेडिकल हेल्पलाइन जारी करे. जिससे बीमार लोग स्वास्थ्य संबंधित जानकारी आसानी से ले पाए.
गुरुवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए चारधाम यात्रा पर लगाई रोक को हटा दिया है. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि चारों धामों में मेडिकल की पूर्ण सुविधा हो. मेडिकल स्टाफ, नर्सें, डॉक्टर, ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था हो. इसके साथ ही सरकार मेडिकल हेल्पलाइन जारी करे. जिससे बीमार लोग स्वास्थ्य संबंधित जानकारी आसानी से ले पाए.
चार धाम यात्रा के लिए ये हैं गाइडलाइंस
सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक रोजाना हेमकुंड साहिब में 1000 श्रद्धालुओं को ही दर्शन की अनुमति दी गई है.
‘कुंडों’ में पवित्र डुबकी लगाना प्रतिबंधित है.
यात्रा के दौरान कोविड निगेटिव रिपोर्ट या कोविड वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य कर दिया गया है.
यात्रा के लिए प्रत्येक तीर्थयात्री को 72 घंटे पहले की कोविड की निगेटिव रिपोर्ट या कोविड रोधी टीके की दोनों खुराक लगे होने का प्रमाणपत्र देना होगा.
राज्य के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण के समय कोविड मुक्त रिपोर्ट या टीकाकरण का प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा.
मंदिर में दर्शन हेतु एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश करेंगे. मंदिर में मूर्तियों या घंटियों को छूने पर मनाही होगी.
तीर्थ यात्री सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा में शामिल हो सकेंगे लेकिन उन्हें मंदिर के गर्भगृहों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
बच्चों एवं बीमार एवं अति वृद्धों को यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी .
बदरीनाथ में प्रतिदिन अधिकतम 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति दी गई है.
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