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लोकसभा चुनाव

योगी कैबिनेट में केशव प्रसाद के डिप्टी सीएम बनने का रास्ता साफ

उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाए जाने के बाद बीजेपी आलाकमान कैशव प्रसाद मोर्य को डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी फिर से सौंपने को राजी हो गया है.

Updated on: 24 Mar 2022, 10:09 AM

highlights

  • धामी को उत्तराखंड का सीएम बना बीजेपी ने रखी नई परंपरा
  • संकेत मिल रहे कि कैशव प्रसाद को दिया जाएगी डिप्टी सीएम पद
  • 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होगा योगी कैबिनेट 2.0

लखनऊ:

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इस शपथ ग्रहण समारोह को यादगार औऱ भव्य़ बनाने के लिए लखनऊ में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. आज बीजेपी विधायक मंडल की बैठक में य़ोगी आदित्यनाथ के सीएम बनने पर औपचारिक मुहर लग जाएगी. इसके पहले योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दिल्ली में मंत्रिमंडल के गठन पर गहन विचार-विमर्श किया है. सूत्रों की मानें तो कैशव प्रसाद मौर्य के डिप्टी सीएम बनने पर बात लगभग फाइनल हो चुकी है. उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाए जाने के बाद बीजेपी आलाकमान कैशव प्रसाद मोर्य को डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी फिर से सौंपने को राजी हो गया है. 

2024 चुनाव के मद्देनजर होगा योगी मंत्रिमंडल 2.0
गौरतलब है कि योगी मंत्रिमंडल का आकार-प्रकार 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किया जाएगा. इसमें जातिगत समीकरणों समेत विधायकों को कद को खास तवज्जो दी जाएगी. कैशव प्रसाद मौर्य के काम और 2019 के चुनाव में उनकी मेहनत को देखते हुए बीजेपी आलाकमान उन पर दोबारा दांव लगाने को तैयार हो गया है. हालांकि बेबी रानी मौर्य का नाम भी डिप्टी सीएम की रेस में शामिल है. सूत्रों के मुताबिक धामी को उत्तराखंड की दोबारा कमान देकर बीजेपी नेतृत्व ने एक नई इबारत लिखी है. 

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बीजेपी आलाकमान लीक से हट कर रहा निर्णय
विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद भाजपा के भीतर एक सामान्य भावना थी कि हारने वाले नेताओं को नेतृत्व नहीं करना चाहिए या सरकार का हिस्सा नहीं बनना चाहिए, क्योंकि यह पार्टी के मानदंडों और प्रथाओं के खिलाफ है. पार्टी के एक नेता ने कहा, '2017 में पार्टी ने चुनाव हारने के बाद प्रेम कुमार धूमल को हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनाया था, लेकिन धामी के शपथ लेने के बाद पार्टी में एक विश्वास जगा है कि सीट हारने के बावजूद कड़ी मेहनत का इनाम मिलेगा. अब वहां एक सामान्य भावना है कि उन्हें (मौर्य को) उपमुख्यमंत्री के रूप में एक और मौका दिया जा सकता है.'

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कड़ी मेहनत का फल देने की तैयारी
भाजपा के भीतर राय बंटी हुई थी. विधानसभा चुनावों में धामी की हार के बाद पार्टी के एक वर्ग ने महसूस किया कि चुनाव हारने वाले नेता को मुख्यमंत्री बनाना भाजपा की प्रथा के खिलाफ होगा, जबकि एक अन्य वर्ग का मानना था कि भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत के लिए उन्हें एक मौका दिया जाना चाहिए. धामी के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ऐसा लग रहा है कि मौर्य को दूसरा मौका मिल सकता है.