Yogi Government Gift on Raksha Bandhan: रक्षाबंधन का पर्व केवल धागे और रस्म का नाम नहीं है. यह एक ऐसा अहसास है जिसमें एक बहन अपने भाई के लिए दुआ करती है और भाई जीवन भर उसकी रक्षा का वादा करता है. इस पारंपरिक रिश्ते को इस वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई ऊंचाई दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर महिलाओं के लिए प्रदेश की रोडवेज बसों में निःशुल्क यात्रा की घोषणा की है. यह सुविधा 8 अगस्त की सुबह 6 बजे से लेकर 10 अगस्त की रात 12 बजे तक लागू रहेगी. यानी पूरे तीन दिन, प्रदेश की कोई भी महिला सरकारी बसों में बिना टिकट यात्रा कर सकेगी - और साथ में एक सहयात्री भी फ्री यात्रा का लाभ उठा सकेगा.
एक संवेदनशील फैसले की गूंज
इस फैसले को केवल एक छूट या सुविधा की तरह देखना कम होगा. दरअसल, यह एक सामाजिक सोच की झलक है - वह सोच जो महिलाओं को केवल मतदाता नहीं, बल्कि समाज की गरिमा और संस्कृति का मूल आधार मानती है. यह एक ऐसा प्रशासनिक निर्णय है, जो सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है.
जब लाखों बहनें त्योहार के अवसर पर अपने भाइयों से मिलने घर लौटेंगी, तब हर उस सफर में सरकार की यह कोशिश एक सराहनीय भूमिका निभाएगी. खासतौर से ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में जहां साधन सीमित हैं, यह सुविधा एक बड़े वर्ग के लिए राहत लेकर आई है.
इस फैसले के व्यापक मायने
सांस्कृतिक जुड़ाव को प्रोत्साहन: ऐसे त्योहार सामाजिक ताने-बाने को मज़बूत करते हैं. सरकार का यह फैसला लोगों को अपने घर, अपने रिश्तों और अपनी जड़ों से जोड़ता है.
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महिला सम्मान की पुष्टि:
महिलाएं अब रक्षाबंधन जैसे पारिवारिक त्योहार पर कहीं भी सुरक्षित और सहज यात्रा कर सकती हैं. इससे आत्मनिर्भरता और सामाजिक विश्वास को बल मिलेगा. आर्थिक सहयोग का संकेत: बढ़ती महंगाई के दौर में यह एक व्यावहारिक राहत भी है, खासतौर पर उन परिवारों के लिए जिनके लिए यात्रा खर्च एक चिंता का विषय होता है.
राजनीति से परे, जनसेवा की भावना
आज जब नीतिगत फैसलों को अक्सर चुनावी चश्मे से देखा जाता है, योगी सरकार का यह निर्णय राजनीतिक कम और मानवीय अधिक प्रतीत होता है. यह एक ऐसा कदम है जो बिना किसी शोर-शराबे के लोगों के दिल तक पहुंचा है. एक महिला जब अकेले या अपने छोटे बच्चों के साथ रक्षाबंधन पर अपने मायके जाती है, तो उसे रास्ते की चिंता न करनी पड़े - यही तो असली सुरक्षा और सम्मान है.
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यह पहल केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक भावनात्मक निवेश है - बहनों के लिए, माताओं के लिए, बेटियों के लिए. रक्षाबंधन पर यह तोहफा न सिर्फ महिलाओं को यात्रा की सुविधा देता है, बल्कि उन्हें समाज में प्राथमिकता देने का स्पष्ट संकेत भी है.
जब सरकार संवेदनाओं को समझे, तो प्रशासन सिर्फ सिस्टम नहीं रह जाता, वह समाज का हिस्सा बन जाता है. योगी सरकार का यह कदम उसी दिशा में एक मजबूत और सराहनीय प्रयास है.
रिपोर्टर- सैयद उवैस अली