New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/09/27/honey-62.jpg)
शहद( Photo Credit : फाइल फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
शहद( Photo Credit : फाइल फोटो)
बाराबंकी के चैनपुरवा गांव की महिलाएं अब 'जहर' नहीं बेचेंगी, बल्कि अब शहद बांटेंगी. यह गांव बाराबंकी जिले के रामनगर पुलिस थाने के मध्य उत्तर प्रदेश में 60 किलोमीटर दूर 12 बस्तियों में से एक है. यह 'अवैध शराब' के उत्पादन और बिक्री के लिए बदनाम था, जिसने न जाने कितने परिवारों को नष्ट कर दिया है और कई लोगों की जिंदगी खत्म कर दी. वहीं, इस काम में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं, जो अपनी रसोई चलाने के लिए अवैध शराब का उत्पादन करने के लिए बाध्य हैं, क्योंकि उनके पास आजीविका का कोई साधन नहीं है. हालांकि, इन महिलाओं द्वारा निर्मित इस 'जहर' ने उनके पति की भी जान ले ली. वहीं समय-समय पर पुलिस छापेमारी करती रहती है और अपराध के लिए महिलाओं को गिरफ्तार करती है.
यह भी पढ़ें : उमा भारती की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव, देवभूमि में खुद को किया क्वारनटीन
कंचन (35) के पति की मौत अवैध शराब के कारण हुई थी. पति के जाने की त्रासदी के बावजूद वह अपने बच्चों का पेट भरने के लिए अवैध शराब बनाने और बेचने के लिए मजबूर है. इसी तरह 50 वर्षीय सुंदरा के पति, शराब पीने के बाद शारीरिक रूप से अक्षम हो गए, लेकिन सुंदरा लखनऊ में पढ़ रहे अपने दो बच्चों के स्कूल की फीस का खर्च उठाने के लिए इसे बेचना जारी रखने के लिए मजबूर हैं. दोनों महिलाएं चैनपुरवा गांव की गरीबी का उदाहरण हैं, जिनके पास आजीविका चलाने के अलावा कोई और साधन नहीं है. बाराबंकी पुलिस ने कानून की नजर में अपराधी इन महिलाओं की मदद के लिए एक पहल की है. पुलिस उन्हें शहद उत्पादन करने और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करके अब 'जहर के कारोबार' से बाहर लाने की कोशिश कर रही है.
यह भी पढ़ें : अयोध्या की रामलीला में 'रामरज' के होंगे लाइव दर्शन
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक अरविंद चतुर्वेदी ने कहा, हमने चैनपुरवा में महिलाओं के एक चुनिंदा समूह को शहद के बक्से वितरित किए हैं. वे शहद का उत्पादन करेंगी और 5,000-6,000 रुपये कमाएंगे, जो कि वे कूड़े के कारोबार से अधिक है. हमने इसे इस महीने की शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया था. दो सप्ताह के बाद, हम गांव की सभी महिलाओं को शहद उत्पादक बक्से वितरित करेंगे. इन महिलाओं को लखनऊ के विशेषज्ञों द्वारा शहद उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा. मुझे यकीन है कि इससे सामाजिक अस्वस्थता को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी.
यह भी पढ़ें : प्रेमी संग आपत्तिजनक हालत में पाई गई महिला, ग्रामीणों ने पहनाई जूतों की माला
बाराबंकी जिले के ग्रामीण इलाकों में कम से कम 18 पुलिस स्टेशनों की पहचान की गई है जहां शहद के डिब्बे वितरित किए जाएंगे. इस प्रकार महिलाओं को अपराध मुक्त जीवन जीने के लिए गंदे व्यवसाय से बाहर आने में मदद मिलेगी.
Source : IANS/News Nation Bureau