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बालिग था मुठभेड़ में मारा गया विकास दुबे का साथी प्रभात, फर्जी थी टीसी

कानपुर पुलिस का दावा है कि फरीदाबाद से कानपुर लाते वक्त कथित मुठभेड़ में मारा गया कानपुर के बिकरु कांड (Bikru Case) का आरोपी प्रभात मिश्र (Prabhat Mishra) उर्फ कार्तिकेय बालिग था.

Updated on: 24 Jul 2020, 06:34 AM

कानपुर:

कानपुर पुलिस का दावा है कि फरीदाबाद से कानपुर लाते वक्त कथित मुठभेड़ में मारा गया कानपुर के बिकरु कांड (Bikru Case) का आरोपी प्रभात मिश्र (Prabhat Mishra) उर्फ कार्तिकेय बालिग था. उसने फर्जी स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) के जरिए कागजों में अपनी उम्र चार साल घटाई थी. बिल्हौर के पुलिस क्षेत्राधिकारी संतोष सिंह ने  दावा किया कि जांच के दौरान सामने आया कि प्रभात ने फर्जी टीसी के जरिए अपनी उम्र को जानबूझकर चार साल घटा लिया और हाई स्कूल में दाखिला लेकर 2018 की परीक्षा में पास हो गया.

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संतोष सिंह ने बताया कि प्रभात ने स्कूल के अंक पत्र की बुनियाद पर अपना आधार कार्ड बनवा लिया. पुलिस ने इस सिलसिले में कुछ दस्तावेजों को सार्वजनिक किया. गौरतलब है कि प्रभात के परिवार ने करीब एक हफ्ते पहले उसकी हाईस्कूल की मार्कशीट और आधार कार्ड दिखाते हुए कहा था कि मुठभेड़ के वक्त वह नाबालिग था. प्रभात पर दो जुलाई की दरमियानी रात को बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल होने का आरोप था.

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पुलिस ने कार्तिकेय को आठ जुलाई को फरीदाबाद में गिरफ्तार किया था. उसे ट्रांजिट रिमांड पर लाते वक्त नौ जुलाई को कानपुर के पनकी इलाके में पुलिस की गाड़ी की हवा निकल गई थी, जिसे ठीक करते वक्त प्रभात ने कथित रूप से एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन कर उस पर गोली चलाई. जवाबी कार्रवाई में प्रभात मारा गया था. इसके एक दिन बाद एसटीएफ ने मुठभेड़ में बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) को भी मार गिराया था.