Vikas Dubey: पौन घंटे चली थीं गोलियां, मारो-मारो की आवाज आई और...

बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात पुलिस की राह में रोड़ा बने जेसीबी चालक ने कई खुलासे किए हैं. पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार किया तो उसने पुलिस के सामने कई राज उगले. आरोपी जेसीबी चालक ने बताया कि प्रेम कुमार पांडेय उसे बुलाकर लाया था.

बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात पुलिस की राह में रोड़ा बने जेसीबी चालक ने कई खुलासे किए हैं. पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार किया तो उसने पुलिस के सामने कई राज उगले. आरोपी जेसीबी चालक ने बताया कि प्रेम कुमार पांडेय उसे बुलाकर लाया था.

author-image
Kuldeep Singh
New Update
Vikas dubey

Vikas Dubey: पौन घंटे चली थीं गोलियां, मारो-मारो की आवाज आई और...( Photo Credit : फाइल फोटो)

बिकरू गांव में 2 जुलाई की रात पुलिस की राह में रोड़ा बने जेसीबी चालक ने कई खुलासे किए हैं. पुलिस ने शुक्रवार को उसे गिरफ्तार किया तो उसने पुलिस के सामने कई राज उगले. आरोपी जेसीबी चालक ने बताया कि प्रेम कुमार पांडेय उसे बुलाकर लाया था. विकास दुबे (Vikas Dubey) की छत पर 20-25 बदमाश हथियार लेकर मोर्चा संभाले थे. घटना वाली रात करीब पौन घंटे तक ताबड़तोड़ गोलियां चली थीं.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः अमर दुबे की पत्नी खुशी के परिजनों ने SSP ऑफिस में लगाई RTI, पूछा- कहां है मेरी बेटी?

आरोपी जेसीबी चालक राहुल पाल ने खुलासा किया कि दो जुलाई की रात विकास के घर के ठीक सामने जेसीबी खड़ी करके पुलिस का रास्ता रोका गया था. उसने बताया कि जब पुलिस की जीप आगे नहीं जा पाई तो पुलिसकर्मी पैदल ही विकास के घर की ओर जाने लगे. इसी बीच छतों पर घात लगाए बैठे विकास के साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. अचानक हुए इस हमले में पुलिसकर्मियों को भागने का मौका नहीं मिला. फंसने के दौरान अचानक गोलियां चलने पर खुद को बचा नहीं पाए थे.

यह भी पढ़ेंः Kanpur Encounter: गैंगस्टर विकास दुबे का अब बिहार कनेक्शन आया सामने

मामा के घर छुपा था
राहुल ने बताया कि वह विकास दुबे के मामा प्रेम कुमार के निर्देशन में जेसीबी चलाता था. राहुल ने बताया कि घटना वाली रात करीब 12 बजे अचानक प्रेम कुमार ने गांव आकर कहा कि विकास भइया उसे बुला रहे हैं. जब वह पहुंचा तो उससे जेसीबी को रास्ते में खड़ा करने के लिए कहा गया. जब उसने कहा कि इससे रास्ता बंद हो जाएगा तो उसे गालियां दी गई. उसने बताया कि जेसीबी खड़ी करने के बाद उसे भी विकास दुबे की छत पर पहुंचा दिया गया. वहां पहले से ही 20 से 25 हथियारबंद लोग मौजूद थे. उसे बताया कि रात करीब सवा बजे के आसपास मारो-मारो का शोर हुआ और गोलियां चलने लगीं. विकास अपने साथियों से मोबाइल पर संपर्क कर निर्देश दे रहा था.

Source : News Nation Bureau

vikas-dubey-case vikas-dubey-encounter Vikas Dubey
      
Advertisment