Varanasi Cyber Fraud: डिजिटल अरेस्ट करके सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट अनुज कुमार यादव से 98 लाख रुपये की ठगी करने वाले 9 साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनके पास से साढ़े सात लाख रुपये, दो कार, 14 मोबाइल, नौ एटीम कार्ड, लैपटाप, सिमकार्ड आदि मिले. गिरफ्तार होने वाले ठग गिरोह का सरगना भी शामिल है. पुलिस अभी पूर्व सैन्य अधिकारी को कॉल करने वाले तक नहीं पहुंच सकी है.
दरसअल, इन सभी करतूतों के पीछे चाइना का हाथ है. पकड़े गए चाइनीज गैंग का मास्टरमाइंड का नाम निजाम अहमद है. वह यूपी के बहराइच जिले का रहने वाला है और इसके तार चाइना से जुड़े हुए हैं. वहीं, इस मामले में पुलिस ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसी कड़ी में साइबर थाने की पुलिस टीम ने अंतर्राष्ट्रीय चाइनीज गैंग के मास्टर मांइड PROXY को गिरफ्तार कर लिया, उसके कब्जे से मोबाइल व नकदी बरामद की है.
ऐसे बनाते थे शिकार
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस गैंग के सदस्य फर्जी ट्राई और सीबीआई अधिकारी बनकर पीड़ितों को कॉल करते थे. कॉलिंग के दौरान उन्हें बताया जाता था कि उनके नाम पर फर्जी सिम कार्ड जारी किए गए हैं, जो अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. इसके बाद डिजिटल अरेस्टिंग का दावा करते हुए पीड़ितों को तथाकथित खातों में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया जाता था.
फर्जी गेमिंग ऐप का लेते थे सहारा
पुलिस के अनुसार यह गैंग ठगी के पैसों को फर्जी गेमिंग ऐप के जरिए ट्रांसफर करता था. इसके लिए वे ईसीएस और ईआईपी सेवाओं के साथ ड्रैगन एसएमएस जैसी ऐप्स का इस्तेमाल करते थे. अपराधियों ने डिजिटल फुटप्रिंट छिपाने के लिए वर्चुअल मशीनों का भी उपयोग करते थे. गठित टीम ने गैंग के मास्टरमाइंड निजाम अहमद को गिरफ्तार किया.
खतरनाक है टेलीग्राम ऐप
निजाम अपने नेटवर्क में तीन से चार लेयर के एजेंट्स रखता था, जो फर्जी बैंक खाते खोलने और इंटरनेट बैंकिंग की सेटिंग में मदद करते थे. आरोपी ने अन्य विदेशी साथियों के साथ मिलकर ठगी के पैसे को गेमिंग प्लेटफॉर्म पर ट्रांसफर किया है. इसके लिए एजेंट टेलीग्राम जैसे ऐप से हायर किया जाता है. पुलिस ने भी माना की टेलीग्राम जैसा ऐप बहुत असुरक्षित है और इसे ट्रैक करना मुश्किल है.
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चीन में बैठा है मास्टरमाइंड
पुलिस ने जिस तरह से साइबर फ्रॉड के एजेंट को गिरफ्तार किया है, उसका कहना है कि टेलीग्राम के जरिए उनसे कॉन्टैक्ट किया जाता था और हर फ्रॉड पर चार सौ से पांच सौ कमीशन मिलता था. चाइनीज गैंग के इस एजेंट से न्यूज़ स्टेट संवादाता सुशांत मुखर्जी ने बात की थी.
मास्टर माइंड अभी भी गिरफ्त से बाहर
वाराणसी में आम जनता भी मानती है कि जिस तरह से रोज फ्रॉड हो रहे हैं और पढ़े-लिखे लोग भी फंसते जा रहे हैं, ऐसे में अब सावधानी के अलावा कोई चारा नहीं है. हम लोग खुद भी इन घटनाओं से बहुत परेशान हैं. वाराणसी पुलिस ने अब तक 12 साइबर फ्रॉड के एजेंट को गिरफ्तार किया है पर मास्टर माइंड चीन में बैठा है. इसलिए ये साइबर फ्रॉड का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है.