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उत्तर प्रदेश: फर्जीवाड़े में लखनऊ के 89 शिक्षकों की नियुक्ति होगी निरस्त, वेतन की भी होगी रिकवरी

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त की जाएंगी. सिर्फ इतना ही नहीं वेतन की रिकवरी भी होगी. अब तक जो वेतन मिले हैं, उसकी जांच होगी और उसकी रिकवरी की जाएगी.

Updated on: 08 Jun 2020, 11:14 AM

लखनऊ:

सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों (Teachers) की नियुक्ति निरस्त की जाएंगी. सिर्फ इतना ही नहीं वेतन (Sallary) की रिकवरी भी होगी. अब तक जो वेतन मिले हैं, उसकी जांच होगी और उसकी रिकवरी की जाएगी. सूत्रों से खबर मिली है कि इन शिक्षकों की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी हुई है. जिसकी पुष्टि भी हुई है. इस मामले में निदेशालय के निर्देश पर संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने कार्रवाई शुरू कर दी है. जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) नन्द कुमार से इन सभी नियुक्तियों को निरस्त करने का प्रस्ताव मांगा है. वहीं, जिला विद्यालय निरीक्षक (प्रथम) डॉ. मुकेश कुमार सिंह को इन शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में किए गए भुगतान पर रिपोर्ट देने को कहा गया है. बता दें कि ये सभी नियुक्तियां शहर के सरकारी सहायता प्राप्त बालिका विद्यालयों में पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक (द्वितीय) धीरेन्द्र नाथ सिंह के कार्यकाल में करीब तीन साल पहले की गई थीं.

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शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में करीब 13 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने की उम्मीद जताई

संयुक्त शिक्षा निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि निदेशालय की ओर से इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा -16 ई(10) के तहत इन सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं. उसी के आधार पर डीआईओएस प्रथम और डीआईओएस द्वितीय से प्रस्ताव मांगा गया है. अभी तक इन शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन के रूप में करीब 13 करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है. डीआईओएस प्रथम के कार्यालय से बीते जनवरी माह में इसका आंकलन करीब 11.25 करोड़ रुपये किया गया था. अब यह बढ़कर 13 करोड़ रुपये तक होने की उम्मीद जताई जा रही है.

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अनामिका निकली प्रिया जाटव

अनामिका शुक्ला (Anamika Shukla) से लेकर अनामिका सिंह और आखिरकार प्रिया जाटव. एक साथ 25 जिलों में फर्जी तरीके से नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. अनामिका को शनिवार को कासगंज जिले से गिरफ्तार किया गया था, जब वह बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अंजलि अग्रवाल द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजे जाने के बाद अपना इस्तीफा सौंपने गई थीं. अग्रवाल ने पुलिस को सूचित किया और अनामिका को गिरफ्तार कर लिया गया. अब पुलिस को पता चला है कि अनामिका शुक्ला का असली नाम प्रिया जाटव है. यह प्राथमिक विद्यालय की वह शिक्षिका है, जो एक साथ 25 स्कूलों में पढ़ाती हुई पकड़ी गई है और इस काम के लिए वह अपनी अलग-अलग पहचान भी बनाई हुई थी.

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अनामिका वर्तमान में गोंडा के रघुकुल डिग्री कॉलेज से बीएड कर रही है

कासगंज बीएसए के मुताबिक, मूल रूप से फरुखाबाद के कायमगंज की रहने वाली अनामिका शुक्ला वर्तमान में गोंडा के रघुकुल डिग्री कॉलेज से बीएड कर रही है. उसके अन्य दस्तावेज भी उसी कॉलेज के हैं. पूछताछ के दौरान अनामिका शुक्ला ने कहा कि वह वास्तव में अनामिका सिंह ही है, लेकिन जैसे-जैसे बात और सवाल-जवाब की प्रक्रिया आगे बढ़ती गई, तब पता चला कि वह प्रिया है, जो फरुर्खाबाद से है. उसे आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति देने के लिए प्रेरित करना), 467 (मूल्यवान मूल्यवान प्रतिभूति को बनाने या हस्तांतरण की कूटरचना) और 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य के लिए जालसाजी) के तहत हिरासत में लिया गया है.