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UP Panchayat Chunav Results: इस बार सपा ने मारी बाजी, बीजेपी को पछाड़ा, जानें किस दल को कितनी सीटें मिलीं

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी को पछाड़ दिया है.

Updated on: 05 May 2021, 09:43 AM

highlights

  • यूपी पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित
  • चुनाव में इस बार सपा ने मारी बाजी
  • सपा ने सत्तारूढ़ बीजेपी को पछाड़ा

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. हालांकि कुछ जगहों पर अभी चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है. जिला पंचायत सदस्य चुनाव के भी नतीजे घोषित किए जा चुके हैं. जिनमें सूबे की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी के लिए इस चुनाव के नतीजे चिंताजनक हैं. अब तक जारी नतीजों के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी को पछाड़ दिया है. चुनावों में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. इस बार निर्दलीय प्रत्याशी भी बाजी मार गए हैं.

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सपा का बेहतरीन प्रदर्शन, बीजेपी पिछड़ी

मंगलवार रात एक बजे तक आए नतीजों के अनुसार, दावा है कि चुनाव में समाजवादी पार्टी समर्थित 742 उम्मीदवारों को जीत मिली है, जबकि बीजेपी समर्थित 679 प्रत्याशी अभी तक जीत पाए हैं. अयोध्या, बनारस, प्रयागराज और मथुरा जिलों में बीजेपी को शिकस्त झेलनी पड़ी है, जो पार्टी के लिए बहुत बड़ा झटका है. जिला पंचायत चुनावों में कांग्रेस और अन्य दलों समेत कुल 1309 निर्दलीयों ने बाजी मारी है. इसके साथ ही कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी की चाबी अपने हाथ में रखी है.

किसान आंदोलन के बीच रालोद ने शानदार वापसी की

वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समर्थित 320 प्रत्याशी भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने भी पंचायत चुनावों में कामयाबी के साथ शानदार वापसी की है. साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के बाद रालोद गुमनामी में डूब गई थी, मगर अब वह किसानों के आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका के साथ आगे बढ़ रही है. अब तक घोषित परिणामों के अनुसार, रालोद ने लगभग 60 सीटें जीती हैं.

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यूपी पंचायत चुनाव हारी मिस इंडिया फाइनलिस्ट

मिस इंडिया की उपविजेता दीक्षा सिंह जौनपुर जिले के बसखा से पंचायत चुनाव हार गई हैं. एक महिला उम्मीदवार के लिए सीट आरक्षित होने के बाद दीक्षा सिंह ने इस बार जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ा था. फेमिना मिस इंडिया 2015 की उपविजेता दीक्षा ने अपनी साख दांव पर लगाई और अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत करने से पहले ही उन्हें हार का सामना करना पड़ा. भाजपा समर्थित उम्मीदवार नगीना सिंह ने लगभग 5,000 मतों के अंतर से जीत दर्ज की. दीक्षा सिंह पंचायत चुनाव में 5 वें स्थान पर रहीं, उन्हें विकास के नाम पर केवल 2,000 वोट मिले.

बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी ने जीता पंचायत चुनाव  

बुलंदशहर हिंसा के मुख्य आरोपी योगेश राज ने जिला पंचायत चुनाव में जीत दर्ज की है. बुलंदशहर में 2018 में हुई हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह सहित दो लोग मारे गए थे. बजरंग दल के पूर्व कार्यकर्ता योगेश राज ने निर्दलीय उम्मीदवार निर्दोष चौधरी को 2,150 मतों से हराया. चुनाव लड़ने के दौरान योगेश राज जमानत पर थे. 2018 में चिंगरावती, महाव और नायबांस हिंसा के केंद्र थे. 3 दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर के स्याना के महाव गांव के पास एक गन्ने के खेत में एक गाय का शव मिलने से भीड़ उग्र हो गई थी. गुस्साई भीड़ ने चिंगरावती पुलिस चौकी में आग लगा दी थी. हमले में स्याना पुलिस स्टेशन में तैनात इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के अलावा एक युवक सुमित कुमार की भी जान चली गई थी.

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अब जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए जोड़तोड़

जिला पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी और बीजेपी में कड़ा मुकाबला रहा है. लेकिन अब सभी की निगाहें जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर है. चुनाव नतीजों के बाद अब सबसे बड़ी लड़ाई जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए शुरू होने जा रही है. चुनावों में कुछ जिलों के अंदर किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है, लिहाजा कुर्सी पाने के लिए वहां जोड़तोड़ का खेल चलना तय है. कुछ जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की चाबी निर्दलीयों उम्मीदवारों के हाथ में जा पहुंची है. बहरहाल देखने वाली बात यह रहेगी कि सभी 75 जिलों में कौन अपने दल के प्रतिनिधि को काबिज करवा पाता है.