UP News: उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर राज्य में चल रहे विकास कार्यों की सच्चाई जानने के लिए बड़ी कार्रवाई करने जा रही है. इसके तहत 75 जिलों में तैनात किए गए आईएएस अधिकारी 24 और 25 मई को जिलों का दौरा कर 50 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कम से कम दो परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन करेंगे. इसके साथ ही जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना और गोआश्रय स्थलों की भी स्थिति का जायजा लिया जाएगा.
26 मई तक सौंपनी होगी रिपोर्ट
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की प्रमुख स्टाफ अफसर अमृता सोनी की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी नोडल अधिकारी अपने जिलों में बड़ी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे और 26 मई तक अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपेंगे. यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार पहले भी आईएएस अधिकारियों के माध्यम से विकास कार्यों की निगरानी कर चुकी है. इस बार विशेष जोर परियोजनाओं की गुणवत्ता और तय समय-सीमा पर पूरा होने की स्थिति पर रहेगा.
75 जिलों में भेजे जा रहे अधिकारी
प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, मेरठ, कानपुर, आगरा जैसे बड़े जिलों के साथ-साथ सभी 75 जिलों में अधिकारियों को भेजा जा रहा है. इन अधिकारियों में डॉ. रूपेश कुमार (प्रयागराज), रितु माहेश्वरी (लखनऊ), विजय किरन आनंद (वाराणसी), इंद्र विक्रम सिंह (गोरखपुर), आदर्श सिंह (अयोध्या), अवनीश कृष्ण सिंह (मेरठ), मुथुकुमार स्वामी (कानपुर नगर), बृजेश नारायण सिंह (आगरा), रमाकांत पांडेय (अलीगढ़) जैसे कई वरिष्ठ आईएएस शामिल हैं.
कहीं कागजों में न रह जाएं विकास योजनाएं
सरकार की यह कोशिश है कि विकास योजनाएं सिर्फ कागजों में न रह जाएं बल्कि धरातल पर उनका प्रभाव भी दिखे. यही कारण है कि शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों को सीधे जिम्मेदारी देकर कार्यों की सच्चाई जांची जा रही है. यह अभियान न सिर्फ पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को भी जवाबदेह बनाने की कोशिश है.
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