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UP: आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ता है यूपी के इस DM का बेटा, गांव के बच्चों के साथ करता है मस्ती

UP News: जिला कार्यक्रम अधिकारी धीरेंद्र उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 1712 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें लगभग डेढ़ लाख बच्चों का रजिस्ट्रेशन है. उन्होंने बताया कि दर्शना गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में डीएम मैडम का बेटा पढ़ता है

Updated on: 22 Dec 2023, 11:50 AM

दिल्ली :

UP News: एक तरफ जहां बड़े-बड़े अधिकारी अपने बच्चों को सारी सुविधाओं से लैस देश के बडे़-बड़े और नामचीन प्राइवेट स्कूलों में बढ़ाना पसंद करते हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में एक आईएएस अफसर ने ऐसा काम किया है, जो दूसरे अफसरों के लिए भी मिसाल बन गया है. ऐसा इसलिए कि इस आईएएस अफसर ने अपने बेटे का दाखिला किसी शानदार और चकाचौंध इमारत वाले प्राइवेट स्कूल में नहीं, बल्कि एक आंगनबाड़ी केंद्र में कराया है. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले की डीएम अर्चना वर्मा की. डीएम अर्चना वर्मा के इस कदम ने सभी को हैरान कर दिया है.

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गांव के बच्चों के साथ खेलता-कूदता है डीएम का बेटा

दरअसल, हाथरस जिलाधिकारी अर्चना वर्मा को एक बेटा और एक बेटी है. उन्होंने अपने सवा दो साल के बेटे अभिजीत का एडमिशन किसी बड़े इंटरनेशनल स्कूल या प्ले स्कूल में नहीं कराया बल्कि अपने आवास के पास वाले गांव दर्शना के आंगनबाड़ी केंद्र में कराया है. उनका बेटा गांव के अन्य बच्चों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र में रोजाना कई घंटे का समय बिताता है. यही नहीं वह बच्चों की कतार में बैठकर आंगनबाड़ी में मिलने वाले मिड डे मील को भी खाता है और गांव के बच्चों के साथ खेलता-कूदता है. आपको बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र में सभी बच्चों के साथ एक जैसा बरताव होता है. जिस केंद्र में हाथरस डीम का बच्चा बढ़ता है उसमें 34 बच्चे आते हैं. अभिजीत रोजाना 11 बजे के आसपास आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचते हैं और जाते ही बच्चों के साथ खेलने-कूदने में मस्त हो जाते हैं. इस बीच खाने का समय होते ही अभिजीत भी अन्य बच्चों के साथ कतार में खड़े हो जाते हैं.

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सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाई

हाथरस के जिला कार्यक्रम अधिकारी धीरेंद्र उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 1712 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें लगभग डेढ़ लाख बच्चों का रजिस्ट्रेशन है. उन्होंने बताया कि दर्शना गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में डीएम मैडम का बेटा पढ़ता है. डीएम ने अपने बेटे को आंगनबाड़ी केंद्र में बढ़ाकर यह संदेश दिया है कि सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाई होती है.