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yogi adityanath news Photograph: (social media)
उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए नई गन्ना सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी है. इसे पूरी तरह किसान हितैषी बताया जा रहा है. इस नीति में खासतौर पर लघु कृषकों और महिला किसानों को प्राथमिकता दी गई है ताकि छोटे किसानों को अधिक सुविधा और सीधा लाभ मिल सके.
नई नीति के अनुसार, समिति के नए कृषक सदस्यों को पहली बार बड़ी राहत दी गई है. उन्हें गन्ना आपूर्ति का लाभ उनकी चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति अथवा जिले की उत्पादकता का 70% तक मिलेगा. प्रदेश में हर साल लगभग दो लाख नए किसान समिति में जुड़ते हैं और यह बदलाव सीधे तौर पर उनके लिए फायदेमंद साबित होगा.
छोटे और महिला किसानों के लिए राहत
नीति में लघु महिला कृषकों और अति लघु किसानों को विशेष प्राथमिकता दी गई है.
छोटे किसान (81 क्विंटल सट्टा धारक): इन्हें पेड़ी गन्ने की पर्चियां 1 से 3 पक्ष में और पौधा गन्ने की पर्चियां 7 से 9 पक्ष में दी जाएंगी. इससे लगभग 13.12 लाख किसान लाभान्वित होंगे.
अति लघु किसान (36 क्विंटल या 4 पर्ची) व लघु महिला कृषक (81 क्विंटल या 9 पर्ची): इन्हें शत-प्रतिशत पेड़ी गन्ने की पर्चियां प्रारंभिक पक्षों में मिलेंगी. इस निर्णय से करीब 3.75 लाख अति लघु किसान और 6268 महिला कृषक सीधे लाभान्वित होंगे.
नई सुविधाएं और तकनीकी बढ़ावा
पहली बार यांत्रिक हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दिया गया है. जो किसान इस सुविधा का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें पारिवारिक कैलेंडर की सुविधा दी जाएगी. इससे मजदूरों की कमी की समस्या काफी हद तक कम होगी. साथ ही, 2024-25 में ही गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों का कोटा औसत आपूर्ति या उस वर्ष की आपूर्ति (जो अधिक हो) के आधार पर तय होगा.
गन्ना किस्म को.15023 को बढ़ावा
गन्ना शोध परिषद द्वारा विकसित नई किस्म को.15023 को अगेती संवर्ग में रखा गया है. इसकी शीघ्र परिपक्वता और उच्च रिकवरी दर को देखते हुए पेड़ी गन्ने की पर्चियां 1 से 2 पक्ष और पौधा गन्ने की पर्चियां 7 से 8 पक्ष में दी जाएंगी. इस फैसले से लगभग 3.66 लाख किसान और चीनी मिलें दोनों लाभान्वित होंगे.
बड़े किसानों और नए सदस्यों को भी फायदा
नए किसानों की पर्चियां पेड़ी या शरदकालीन पौधे के आधार पर 5वें से 12वें पक्ष में लगाई जाएंगी. इससे लगभग 1 लाख किसान लाभान्वित होंगे. बड़े किसानों (2500 क्विंटल या उससे अधिक सट्टा धारक) को एक कॉलम में अधिकतम 8 पर्चियों का लाभ मिलेगा.
नई गन्ना नीति से सरकार का उद्देश्य है कि समय पर चीनी मिलों को पर्याप्त गन्ना उपलब्ध हो और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य आसानी से और समय पर मिल सके.
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